मत विमत: जो बढ़ाए रोजगार के अवसर, उसकी बने देश में सरकार
हुए कहा कि इससे वंदना गुप्ता ने कहा कि सरकार ने जितनी नौकरी नि
हरदोई : देश का चुनाव है और देश की तरक्की की बात भी कही जा रही है। राजनीतिक दल कुर्सी तक पहुंचने के लिए लुभावने वादे भी कर रहे हैं। कोई कुछ देने की बात कह रहा तो कोई कर्जमाफी का सपना दिखा रहा है, चुनावी वादों और घोषणाओं से दूर युवा वर्ग रोजगार के अवसर चाहता है। उनका कहना है कि जो रोजगार के अवसर बढ़ाए देश में उसी की सरकार बने। हालांकि छात्राएं केंद्र सरकार के निर्णयों की सराहना भी करती हैं।
महिला आइटीआइ में छात्राएं जमा मिलीं। उन्हें एक स्थान पर बैठाकर उनका मत जाना तो सभी ने एक ही सुर में रोजगार के रास्ते खोलने की बात कही। निधि पाल ने नोटबंदी की तारीफ करते हुए कहा कि इससे देश की जीडीपी में ग्रोथ हुई है और महंगाई पर अंकुश लगा है। रोली वर्मा का कहना था कि सरकार किसी की भी बने, बशर्तें रोजगार के अवसर बढ़ने चाहिए। ललिता बाजपेई ने कहा कि देश उन्नति की ओर है और भारत विश्व के चौथे पायदान पर खड़ा है। निशि मिश्रा ने कहा कि किसी सरकार ने सवर्णो को आरक्षण नहीं दिया, यह पहली सरकार है, जिसने आरक्षण देकर कमजोर वर्गों को सशक्त बनाने का काम किया। स्वेता वर्मा ने कहा कि उज्ज्वला के तहत घर-घर रसोई गैस तो दे दी, लेकिन सब्सिडी नहीं मिल रही है। जो एक बार गैस सिलिंडर भरा लेता है वह दोबारा नहीं भरा पाता। बिलकिस का कहना था कि देश में सरकार किसी की भी बने, लेकिन युवाओं की समस्या का समाधान होना चाहिए। हर हाथ में काम और महिलाओं का सम्मान होना चाहिए। वंदना गुप्ता ने कहा कि सरकार ने जितनी नौकरी निकाली, उनमें ज्यादातर कोर्ट में हैं। सोनम सिंह ने बीच में टोकते हुए कहा कि देश में मजबूत सरकार बननी चाहिए। आतंकवादी हमले का जवाब हो या फिर पाकिस्तान से अभिनंदन की वापसी। हर मोर्चे पर सरकार की विदेश नीति बेहतर रही। मुस्कान ने कहा कि गरीबों के उत्थान करने वाली देश में सरकार बननी चाहिए। डाली सिंह ने कहा कि इतनी जल्दी किसी समस्या का हल नहीं हो सकता। एक मौका दिया जाना चाहिए। प्रिसी गौतम ने कहा कि हर सरकार में घोटाले हुए हैं, इस सरकार में घोटाले होने की बात सामने आ रही है।