लकड़ी न चूल्हा, बाढ़ प्रभावित जुगाड़ के सहारे बना रहे भोजन

14 गांवों तक पहुंचा नदियों का पानी एक सैकड़ा गांव बाढ़ से प्रभावित

By JagranEdited By: Publish:Tue, 26 Oct 2021 11:35 PM (IST) Updated:Tue, 26 Oct 2021 11:35 PM (IST)
लकड़ी न चूल्हा, बाढ़ प्रभावित जुगाड़ के सहारे बना रहे भोजन
लकड़ी न चूल्हा, बाढ़ प्रभावित जुगाड़ के सहारे बना रहे भोजन

हरदोई : उत्तराखंड बारिश और बैराजों से छोड़ा जाने वाले पानी कटरी क्षेत्र के लोगों के लिए दीपावली से पहले बे-सबब दर्द दे रहा है। न लकड़ी है और न ही चूल्हा, जैसे-तैसे पीपा का जुगाड़ बनाकर तखत पर बाढ़ प्रभावित पलायन किए परिवार दो वक्त का भोजन पका रहे हैं। 14 गांवों तक नदियों का पानी पहुंच गया है। घरों में पानी भरने से पलायन कर रोड पर आए परिवार आसमां से सिर ढकने के लिए पन्नी का आशियाना बनाकर रात बिताने को मजबूर हैं। लोगों को शौच आदि के लिए भी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।

गंगा, रामगंगा और गर्रा के जलस्तर में वृद्धि होने से नदियों के पानी की चपेट में एक सैकड़ा गांव प्रभावित हुए हैं। बैराजों से गंगा में 143144 और रामगंगा में 11046 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। गंगा के जलस्तर में पांच सेमी की कमी दर्ज गई और जलस्तर खतरे के निशान 137.10 मीटर से पांच सेमी प्रवाहित हो रहा है। गर्रा के जलस्तर में 75 सेमी की कमी दर्ज की गई और जलस्तर 147.65 मीटर आ गया है। रामगंगा के जलस्तर में 10 सेमी की बढ़ोतरी हुई और जलस्तर जलस्तर खतरे के निशान 137.10 मीटर से 65 सेमी ऊपर 137.75 मीटर पर प्रवाहित हो रहा है।

बिलग्राम क्षेत्र में मंगलवार को छिबरामऊ में बिलग्राम-कन्नौज मार्ग के किनारे पानी पहुंच गया। चिरंजूपुरवा के रामविलास, जयकरन, परमाई, सोनारीपुरवा के राजेश, रामनाथ, सीताराम आदि सहित बाढ़ प्रभावित गांवों के ग्रामीणों ने बताया कि घरों में पानी भर गया है और जलाने के लिए लकड़ी भी नहीं है। तखत के ऊपर पीपा काटकर चूल्हा बनाकर एक बार ही खाना बनाकर काम चलाया जा रहा है। जफरपुर के गोमिदपुरवा, गनियापुर, पन्योड़ा, महसोनामऊ और छिबरामऊ के किनारे तक पानी पहुंच चुका है। क्षेत्रीय विधायक आशीष सिंह आशू, जिलाधिकारी अविनाश कुमार ने बाढ़ प्रभावित गांवों का जायजा लिया। अरवल क्षेत्र के मुरचा रामनगर के रामनाथ कठेरिया का घर ढह गया। प्राथमिक विद्यालय में पानी भर गया है।

ग्रामीण तक नाव से पहुंचाया जा रहा भोजन : अदनिया, हरैया, अलीशेरपुरवा में एडीएम वंदना त्रिवेदी ने नाव से लोगों तक भोजन व राहत सामग्री पहुंचाई। एसडीएम प्रत्यूष पांडेय व कपिल देव यादव ने राहत सामग्री का वितरण कराया। नाउपुरवा, झड़ापुरवा, जगन्नाथपुरवा, टिक्कापुरवा, भट्टनपुरवा, सिसैयापुरवा, मझरिया, गोंडा, सुदनीपुर, गंगानगर, बरगदापुरवा, दुलारपुर, तिवारीपुरवा, छंगापुरवा, शिब्बापुरवा, पतारपुरवा, गुलाबपुरवा सहित गांवों में स्टीमर से भोजन व राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है। एसडीओ संजय पांडे, अरवल प्रधान राजपाल सिंह, चंद्रपुर के प्रधान अवनीश कुमार, समाजसेवी संजय व पंकज पाठक सहित एसीएमओ डा. देशदीपक पाल, डा. सरताज, विकास दुबे सहित लेखपाल व कानूनगो ने प्राथमिक विद्यालय मुरवाशहाबुद्दीनपुर में सहायता सेंटर पर उपस्थिति दर्ज कराई। यहां से लोगों को भोजन व दवा की व्यवस्था की जा रही है।

ग्रामीणों के खाना और जानवरों के चारा का इंतजाम

हरदोई: जिलाधिकारी अविनाश कुमार ने बताया कि पानी से प्रभावित गांवों में समुचित इंतजाम के लिए टीम लगाई गई है। बाढ़ में फंसे लोगों को ऊंचे स्थानों पर पहुंचाने का काम किया जा रहा है। लेखपाल, कानूनगो, चिकित्सक, प्रधान व कोटेदारों को निर्देशित किया कि बाढ़ क्षेत्र में किसी तरीके की कोई भी ढिलाई न बरती जाए। डीएम ने बताया कि पीएसी की एक कंपनी भी बुला ली गई है। जिन गांवों के आसपास पानी भर गया है और आने जाने में परेशानी हो रही है, वहां पर प्रशासन की तरफ से खाने का इंतजाम कराया जा रहा है। जानवरों के लिए भूसा का इंतजाम हो रहा है और किसानों के हुए नुकसान का सर्वे कराया जा रहा है, ताकि उन्हें मुआवजा दिया जा सके।

बाढ़ के पानी में डूबने से किसान की मौत

मल्लावां : बाढ़ के पानी में डूबने से एक किसान की मौत हो गई। ग्रामीणों ने कड़ी मशक्कत के बाद शव को बाहर निकाला।

ग्राम शाहपुर पवार के मजरा हरीगंज के फूलचंद्र खेतीबाड़ी करते थे। स्वजन ने बताया कि फूलचंद्र ने गंगा किनारे खेत में मिर्च की फसल की बोआई की थी। बाढ़ के चलते गांव तक पानी आ गया है। मंगलवार दोपहर वह खेत से मिर्च तोड़ने के लिए गए थे। खेत में पानी भरे होने के कारण फूलचंद्र का पैर गहरे पानी में चला गया और वह डूब गया। ग्रामीणों ने घटना की जानकारी स्वजन को दी, जिसके बाद स्वजन ने ग्रामीणों की मदद से शव को बाहर निकाला। स्वजन ने बताया कि फूलचंद्र के परिवार में पत्नी मुन्नी और तीन पुत्रियां व दो पुत्र हैं।

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