बाढ़ से हालात बिगड़े, सैकड़ों बीघे फसल डूबी

उफनाई गंगा रामगंगा और गर्रा गई गांवों में घुसा पानी -पाली क्षेत्र के कहारकोला गांव में सात मकान कटने की कगार पर पहुंचे

By JagranEdited By: Publish:Sun, 24 Oct 2021 10:16 PM (IST) Updated:Sun, 24 Oct 2021 10:16 PM (IST)
बाढ़ से हालात बिगड़े, सैकड़ों बीघे फसल डूबी
बाढ़ से हालात बिगड़े, सैकड़ों बीघे फसल डूबी

हरदोई: पहाड़ों पर हुई बरसात से नदियों में बाढ़ का पानी जिले तक पहुंच गया है। गर्रा, रामगंगा और गंगा में बढ़े जल स्तर से कई गांवों तक पानी पहुंच गया है। कटियारी क्षेत्र में तो एक दर्जन से अधिक गांवों में पानी घुस गया और सैकड़ों बीघा फसल पानी में डूब गई है। वहीं पाली क्षेत्र में गर्रा से कहारकोला गांव में सात मकान कटने की कार पर पहुंच गए हैं।

रामगंगा में बढ़े पानी से अरवल क्षेत्र में पानी ही पानी दिख रहा है। अरवल, भक्तन पुरवा , अंदनिया, झरी मढैया, करणपुर मढैया, सिसायापुरवा, गोड़ा, मजरिया, बेड़ीजोर के मजरा खैरूद्दीन पुर में पानी घुस गया है। खैरुद्दीनपुर में सार्वजनिक शौचालय, वाटिका, व प्राथमिक विद्यालयों में पानी भर चुका है। सुदनीपुर, सिसैया पुरवा के लोग तो अब गांव से पयान कर ऊंचे स्थान पर पहुंचने लगे हैं। बिलग्राम तहसील क्षेत्र में राजघाट मार्ग पर चिरंजूपुरवा के पास सड़क के ऊपर से पानी बहने लगा है। वहीं चौधीपुरवा, दनईपुरवा, मोहनपुरवा, सोनारीपुरवा, भिक्खापुरवा, चिरंजूपुरवा आदि गांवों में सैलाब का पानी पहुंच चुका है। तो दूसरी तरफ गर्रा से पाली क्षेत्र में कहारकोला गांव में राजकरण, सुरेंद्र, महेंद्र, जगपाल, महेश, रजनीश, जदुराम के मकान कटने की कगार पर पहुंच गए हैं। लोनार क्षेत्र मिर्जापुर, मझिगवां, दिल्ला, गोविदपुर, गढि़या अति संवेदनशील हैं। किसानों के अरमानों पर फिर फिरा पानी

बिलग्राम कटरी क्षेत्र के किसान लालाराम, शिवरतन, सुधीर, रमेश्वर, जगदीश, रामअवतार, राजेश ,हरिविलास, रामतीर्थ, दौलतराम आदि ग्रामीणों ने बताया की हम लोगों में किसी सरसों किसी ने मटर, बोई थी वो तो चली ही गयी पहले से खेतों में भिडी, मिर्चा आदि की भी फसलें नष्ट हो गई है। सरसों,चना, आलू, मटर,धनिया, मेंथी, सौंप आदि पूरी तरीके से जलमग्न है। गंगा और गर्रा का और बढ़ेगा जल स्तर

अधिशासी अभियंता हरदोई खंड शारदा नहर ने बताया कि गंगा का जल स्तर 125.390 मीटर, गर्रा का 129.60 मीटर और रामगंगा का 137.200 मीटर पहुंच गया है, जोकि खतरे के निशान से 10 सेंमी ऊपर है। उन्होंने बताया कि 24 अक्टूबर से 25 अक्टूबर तक गंगा का जल स्तर 20 सेंटीमीटर और गर्रा नदी का 35 सेंटीमीटर बढ़ने की आशंका है। जिससे कई गांव अति संवेदनशील की श्रेणी में रखे गए हैं और उन पर प्रशासन की पूरी नजर है।

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