जिला अस्पताल में इमरजेंसी फुल, स्ट्रेचर पर मरीजों का हो उपचार

जिला अस्पताल में मरीजों को नहीं मिल रहे बेडनिजी अस्पताल बंद होने से बढ़ी मरीजों की भीड़

By JagranEdited By: Publish:Wed, 28 Apr 2021 12:39 AM (IST) Updated:Wed, 28 Apr 2021 12:39 AM (IST)
जिला अस्पताल में इमरजेंसी फुल, स्ट्रेचर पर मरीजों का हो उपचार
जिला अस्पताल में इमरजेंसी फुल, स्ट्रेचर पर मरीजों का हो उपचार

हरदोई : जिला अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ने के साथ ही दिक्कतें भी होने लगी हैं। इमरजेंसी में दवाओं का अभाव तो था ही, लेकिन अब बेड के लिए भी मारामारी होने लगी है। मरीज स्ट्रेचर और बेंच पर उपचार करवा रहे हैं, जब किसी मरीज की छुट्टी हो जाती तो दूसरे को बेड मिलता है। कोरोना संक्रमण के तेजी से बढ़ने के कारण अस्पताल में मरीजों की संख्या बड़ी हुई है। निजी अस्पताल बंद हैं, ऐसे में जिला अस्पताल ही उपचार का एक मात्र सहारा है। अस्पताल में 160 मरीजों को भर्ती करने की व्यवस्था है, जिसमें इमरजेंसी में 30 और आईसीयू सात मरीजों को भर्ती किया जा सकता है। इनमें मरीजों के लिए ऑक्सीजन की भी व्यवस्था है। अस्पताल में ज्यादातर मरीज बुखार और सांस की समस्या से ग्रसित आ रहे हैं, जिन्हें इमरजेंसी और आइसीयू में भर्ती किया जा रहा है। इमरजेंसी और आइसीयू का आलम यह है कि मरीजों के लिए बेड तक नहीं बचे हैं। तीमारदार मजबूरन बेंच और स्ट्रेचर पर मरीज का इलाज करा रहे हैं और जैसे ही कोई मरीज पॉजिटिव होने पर रेफर होता है एक मरीज को उसे बेड पर शिफ्ट कर दिया जाता है।

मरीज को भर्ती कराने से पहले पूछते, क्या ऑक्सीजन है : तीमारदार अपने मरीज को भर्ती कराने से पहले चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मियों से सबसे पहला सवाल पूछते हैं कि क्या अस्पताल में ऑक्सीजन की व्यवस्था है। स्वास्थ्य कर्मी के हां करने पर वह मरीजों को भर्ती कराते हैं, नहीं तो कहीं और व्यवस्था में लग जाते हैं।

बोले जिम्मेदार : अस्पताल की क्षमता से अधिक मरीज आ रहे हैं, ऐसे में मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मी मरीजों का बेहतर इलाज करने का प्रयास कर रहे हैं।

डॉ. पंकज मिश्रा, प्रभारी सीएमएस, जिला अस्पताल

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