खुद की परवाह न कर कोरोना से लोगों को बचाने दौड़ पड़ी बेटी

कुरसठ की अधिशासी अधिकारी देवांशी दीक्षित ने पेश की मिसाल।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 13 Apr 2021 11:45 PM (IST) Updated:Tue, 13 Apr 2021 11:45 PM (IST)
खुद की परवाह न कर कोरोना से लोगों को बचाने दौड़ पड़ी बेटी
खुद की परवाह न कर कोरोना से लोगों को बचाने दौड़ पड़ी बेटी

हरदोई : कोरोना का खौफ। जब कोई घर से नहीं निकल रहा था तो कुरसठ नगर पंचायत की अधिशासी अधिकारी देवांशी दीक्षित खुद खड़े होकर गलियों को सैनिटाइज करा रही थीं। अपनी परवाह किए बिना लोगों को जागरूक करती रहीं। पिछले वर्ष कोरोना काल में इस बेटी ने खूब काम किया, अब फिर संक्रमण बढ़ रहा है तो बिना किसी खौफ के अपनी ड्यूटी निभा रही हैं।

देवांशी दीक्षित की दिसंबर 2018 में अधिशासी अधिकारी के रूप में तैनाती हुई थी। सामान्य प्रशासनिक कार्यों में वह किसी से पीछे नहीं थी कोरोना संक्रमण में उसने दिखा दिया कि बेटियां सब कुछ कर सकती हैं। अप्रैल 2020 से जब संक्रमण फैल रहा था, तभी से वह सक्रिय हो गई। अपनी देखरेख में निगरानी समितियों का गठन कराया और खुद उनके साथ लोगों को जागरूक करने में आगे आईं। गलियों में साफ सफाई से लेकर उन्हें सैनिटाइज कराने से लेकर दरवाजे पर जाकर लोगों को जागरूक किया। प्रवासी श्रमिक आए तो उनका भी इंतजाम कराया। देवांशी के माता-पिता व परिवारजन को उसकी चिता थी। लेकिन, उन्हें समाज की और वह बखूबी अपनी ड्यूटी निभाती रहीं। इस दौरान छह महीने तक वह घर नहीं गईं। वह बताती हैं कि मां परेशान हो जाती थी तो वीडियो काल कर उनसे बात कर धैर्य बंधाती थी। कहती थी कि आपने पढ़ा लिखाकर समाज की सेवा को भेजा है तो बेटी सेवा कर रही है। अब कोरोना संक्रमण धीरे-धीरे फिर बढ़ने लगा है तो फिर देवांशी इसे रोकने के लिए हर संभव प्रयास कर रही हैं।

संक्रमित होने के बाद भी कर्तव्य निभाया :

कोरोना संक्रमित होने के बाद जब अपने ही साथ छोड़ रहे थे तब अस्पताल के स्वास्थ्य कर्मी उनके इलाज में जुटे थे। एक नवजात के संक्रमित होने के दौरान महिला अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड की स्टाफ नर्स भी संक्रमित हुईं, मगर उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और कोरोना मुक्त होने के बाद फिर से नवजात शिशुओं की सेवा में लग गईं।

महिला अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड की स्टाफ नर्स प्रीती देवी अपनी ड्यूटी के प्रति सजग रहीं। पिछले वर्ष जून से सितंबर तक जिले में संक्रमण ने सभी रिकार्ड तोड़ दिए थे। ऐसे में अस्पताल में ड्यूटी कर रहे स्वास्थ्य कर्मी भी डरे हुए थे, मगर उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। ड्यूटी के दौरान सुरक्षा बरती और मरीजों की सेवा की। सितंबर में महिला अस्पताल में एक नवजात की हालत गंभीर होने पर उसे एसएनसीयू में भर्ती कराया गया। जांच में जच्चा-बच्चा पॉजिटिव निकले, जिसके बाद पूरे एसएनसीयू वार्ड के स्वास्थ्य कर्मियों की जांच कराई गई, जिसमें प्रीती देवी संक्रमित पाई गईं। संक्रमण से मुक्त होने के बाद उन्होंने फिर से ड्यूटी संभाली और तभी से लगातार ड्यूटी कर रही हैं। ड्यूटी के दौरान मास्क और सैनिटाइजर साथ में रखतीं हैं, जिससे वह दोबारा संक्रमण से बच सकें।

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