कमीशन के लालच में निशुल्क राशन से भी हाथ धो सकते हैं

हरदोई सरकारी गेहूं व धान खरीद में कमीशन के लालच में अपना बैंक खाता व आधार कार्ड देन

By JagranEdited By: Publish:Mon, 13 Sep 2021 10:07 PM (IST) Updated:Mon, 13 Sep 2021 10:07 PM (IST)
कमीशन के लालच में निशुल्क राशन से भी हाथ धो सकते हैं
कमीशन के लालच में निशुल्क राशन से भी हाथ धो सकते हैं

हरदोई : सरकारी गेहूं व धान खरीद में कमीशन के लालच में अपना बैंक खाता व आधार कार्ड देने वाले राशन कार्ड धारकों को निश्शुल्क राशन से भी हाथ धोना पड़ेगा। शासन की ओर से भेजी गई सूची की जांच में राजस्व विभाग को कई ऐसे मामले मिले हैं, जिसमें दिहाड़ी मजदूरों ने साढ़े तीन लाख से अधिक की फसल बेच दी है और अब उनका राशन ही खतरे में आ गया है।

सरकारी राशन कार्ड धारकों के लिए शासन से मानक निर्धारित है। गरीब रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों को अंत्योदय राशन कार्ड के माध्यम से खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाता है। वहीं अन्य सामान्य परिवारों को दो लाख से कम आया होने पर राशन दिया जाता है। जिले में वर्तमान में 7 लाख 79 हजार 997 राशन कार्ड धारक हैं। इनमें एक लाख 17 हजार 727 अंत्योदय राशन कार्ड धारक हैं। शासन स्तर से प्रदेश में हुई धान व गेहूं खरीद की समीक्षा की गई, जिसमें पाया गया कि जिले के 3413 ऐसे राशन कार्ड धारक हैं, जिन्होंने तीन लाख से ऊपर की उपज सरकारी क्रय केंद्रों पर बेची है। शासन की ओर से जिला प्रशासन को ऐसे राशन कार्ड धारकों की सूची जारी कर उसका सत्यापन कर कार्ड निरस्त करने के निर्देश दिए गए हैं। प्रशासन के निर्देश पर सभी तहसील के उप जिलाधिकारी सूची का सत्यापन करा रहे हैं। सत्यापन के दौरान कई ऐसे मामले प्रकाश में आए हैं, जो सरकारी खरीद की पोल खोल रहे है। जिलापूर्ति अधिकारी संजय पांडेय ने बताया कि प्रशासन जो भी जांच आख्या उपलब्ध कराएगा उसी के अनुसार कार्डों को निरस्त करने की कार्रवाई की जाएगी।

इस प्रकार के प्रकरण आ रहे सामने : राजस्व टीम की जांच में पाया गया है कि कई ऐसे राशन कार्ड धारक है, जो दैनिक मजदूरी व पल्लेदारी करते है। उनके द्वारा भी साढ़े तीन लाख से ऊपर की खरीद की गई है। कुछ ऐसे भी है जिनके पास जमीन ही नहीं है और अगर है तो वह काफी कम है।

इस प्रकार होता खेल : राजस्व विभाग की जांच को मानें तो सरकारी क्रय केंद्रों पर गोदाम प्रभारी व आढ़ती की मिली भगत से दैनिक मजदूर व पल्लेदारों के खाते व आधार कार्ड लगा दिए जाते हैं और उनके खाते में पैसा पहुंचते ही निकलवा लिया जाता है। जिसका कुछ फीसद खातेदार को दिया जाता है। जांच में एक दिन में पैसा जमा होने और अगले ही दिन निकल जाने के मामले भी मिले हैं।

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