यात्रियों को सुहाने सफर की जगह दर्द दे रहीं रोडवेज बसें

- पर्याप्त मरम्मत और देखरेख के अभाव में खटारा हो जाती रोडवेज बसें

By JagranEdited By: Publish:Sun, 10 Oct 2021 11:06 PM (IST) Updated:Sun, 10 Oct 2021 11:06 PM (IST)
यात्रियों को सुहाने सफर की जगह दर्द दे रहीं रोडवेज बसें
यात्रियों को सुहाने सफर की जगह दर्द दे रहीं रोडवेज बसें

हरदोई : प्रकरण एक: बिलग्राम क्षेत्र में चार अक्टूबर को रोडवेज बस की टक्कर से पिकअप सवार दो लोगों की मौत हो गई। बस की दशा ही उसकी फिटनेस की पोल खोल रही थी।

प्रकरण दो: सात तारीख को फर्रूखाबाद जा रही बस लोनार के पास खराब हो गई। काफी देर तक बस खड़ी रही, कुछ यात्रियों को दूसरी बस पर बैठाया गया, बाकी चले गए। पर्याप्त मरम्मत और देखरेख के अभाव में रोडवेज की बसें खटारा होती जा रही हैं, जो बीच रास्ते में खड़ी हो जाती हैं। रोडवेज बसों के शीशे टूटे हैं। अधिकांश बसों की सीटें टूटी हैं, जिन पर यात्रियों का बैठना मुश्किल है। अधिकतर बसों में प्राथमिक उपचार बाक्स तक नहीं है। कार्यशाला में बसों की मरम्मत के नाम पर खानापूरी की जा रही है। चालक बताते हैं कि कार्यशाला में खराब हुए स्पेयर पा‌र्ट्स की बार-बार मरम्मत की जाती है। बजट न होने की बात कहकर नए स्पेयर पा‌र्ट्स नहीं डाले जाते है, इसके चलते कई रोडवेज बसों की हालत खराब है। बसें समय से पहले कंडम हो जाती हैं। सड़कों पर फर्राटा भर रहीं इन बसों से हादसे होते हैं और लोगों की जान जोखिम में पड़ती है। हरदोई डिपो की 13 रोडवेज बसें कंडम : हरदोई डिपो की 13 रोडवेज बसें कंडम श्रेणी में आ चुकी है। निगम की ओर से इन बसों के स्थान पर नई बसों की मांग की गई हैं, हालांकि अभी तक नई रोडवेज बसें नहीं आई हैं। टायरों पर फिर से चढ़ा दी जाती है रबड़ : हरदोई परिक्षेत्र में एक सैकड़ा से अधिक बसें ऐसी है, जिनके टायर घिस चुके हैं, लेकिन बजट का अभाव बताकर इन्हें बदला नहीं जाता। एक बार घिस जाने के बाद टायरों पर फिर से रबड़ चढ़ाई जाती है। ऐसे रिट्रेड टायर आमतौर पर ट्रक आदि में लगाए जा सकते हैं। सवारी गाड़ियों में इन्हें लगाना जान- जोखिम में ही डालना है। टायर फटने से कई बार दुर्घटनाएं हो चुकी है। एक्सपर्ट के अनुसार बसों में लगने वाले टायरों की उम्र 65 से 70 हजार किलोमीटर चलने के बाद खत्म हो जाती है। इसके बाद टायरों को सुरक्षा की ²ष्टि से बदला जाना चाहिए। अधिकारी बोले :

रोडवेज बसों की दशा सुधारने की दिशा में लगातार प्रयास किया जा रहा है। बसों की समय-समय पर जांच की जा जाती है। कंडम हो चुकी बसों को कार्यशाला में खड़ा करा दिया गया है। इसकी जानकारी उच्चाधिकारियों को दे दी गई है। - आरएस पांडेय, सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक

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