परिषदीय विद्यालयों के 11 बर्खास्त अध्यापकों पर एफआइआर का आदेश
डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय से 16 में से पांच के विरुद्ध ही एफआइआर हुई थी।
हरदोई : परिषदीय विद्यालयों में फर्जी नियुक्ति पाने वाले अध्यापकों को बर्खास्त कर उनके विरुद्ध एफआइआर दर्ज कराकर वेतन वसूली पर जोर दिया जा रहा है, लेकिन जिले में कार्रवाई फाइलों में कैद होकर रह जाती है। डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा से फर्जी बीएड के अंक पत्र पर नौकरी करते मिले 16 अध्यापकों में पांच के विरुद्ध तो लिपिक से एफआइआर दर्ज करा दी गई, लेकिन 11 पर कोई मामला दर्ज नहीं कराया गया था। बीएसए ने फिर कड़ा रुख अपनाते हुए बर्खास्त अध्यापकों के संबंधित खंड शिक्षा अधिकारियों को चेतावनी देते हुए एफआइआर दर्ज कराने का आदेश दिया है।
आगरा से वर्ष 2004-05 में फर्जी डिग्री और अंकपत्र के आधार पर नौकरी करने वालों की एसआईटी की जांच के बाद पूरे प्रदेश में बड़े पैमाने पर कार्रवाई की गई थी। जिले में भी ऐसे 16 अध्यापक मिले थे। जिन्हें बर्खास्त कर दिया गया था और सभी के विरुद्ध एफआइआर भी दर्ज कराई जानी थी। इन अध्यापकों में कुछ ने न्यायालय की शरण ले ली। हालांकि उनके विरुद्ध विधिक कार्रवाई जारी रही। एफआइआर तो खंड शिक्षा अधिकारियों को दर्ज करानी थी, लेकिन पटल सहायक ने पांच के विरुद्ध मामला दर्ज कराया, बाकी 11 पर एफआरआर नहीं हो सकी थी। शासन स्तर से सख्ती की जा रही है और उसी पर बीएसए हेमंतराव ने सभी 11 के विरुद्ध खंड शिक्षा अधिकारियों को एफआइआर दर्ज कराने का आदेश दिया है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी हेमंतराव के अनुसार अहिरोरी के प्राथमिक तकिया की राजवती, हरियावां के जूनियर पिपरी के शैलेंद्र सिंह, जूनियर उतरा के अशोक कुमार, सांडी के जूनियर लाहौरीपुरवा की ममता त्रिपाठी, भरखनी के प्राथमिक तेरा के सतेंद्र कुमार, हरपालपुर के प्राथमिक मुर्वा शहाबुद्दीनपुर के अनिल कुमार, जूनियर मिरगावां के राधेश्याम, प्राथमिक प्रतिपालपुर के भुवनेश कुमार, भरावन के जूनियर कौड़िया के रामलखन, माधौगंज के प्राथमिक मल्लहनपुरवा के विजय कुमार राजन और बेंहदर के प्राथमिक देवनाथपुर के रवि कुमार सिंह के विरुद्ध बीईओ को विद्यालयों के संबंधित थाने पर एफआइआर दर्ज कराकर उसकी प्रति मांगी गई है। ऐसा न करने पर उच्चाधिकारियों को अवगत करा देने की चेतावनी दी गई है।