कागजों में हो रही मातृ मृत्यु समीक्षा, बढ़ रही महिलाओं की मौत

-हर माह बढ़ती जा रही गर्भवती महिलाओं की मौत -केवल खानापूर्ति तक सीमित होकर रह गई मातृ मृत्यु समीक्षा

By JagranEdited By: Publish:Thu, 25 Nov 2021 11:17 PM (IST) Updated:Thu, 25 Nov 2021 11:17 PM (IST)
कागजों में हो रही मातृ मृत्यु समीक्षा, बढ़ रही महिलाओं की मौत
कागजों में हो रही मातृ मृत्यु समीक्षा, बढ़ रही महिलाओं की मौत

हरदोई: -प्रकरण एक: बघौली क्षेत्र के बीजापुरवा निवासी सावित्री की जिला महिला अस्पताल में प्रसव के दौरान मौत हो गई। घरवालों ने हंगामा किया तो शव को अस्पताल के पिछले गेट से बाहर निकाल दिया गया।

-प्रकरण दो: कासिमपुर क्षेत्र के नौधा निवासी सरजू की पत्नी शिवदुलारी की एक निजी अस्पताल में प्रसव के दौरान मौत हो गई। घरवालों ने काफी हंगामा किया था। बाद में मामला शांत करा दिया गया।

मातृ मृत्यु दर कम करने के तमाम प्रयास किए जा रहे हैं। जननी सुरक्षा योजना, शिशु जननी सुरक्षा कार्यक्रम आदि चलाए जा रहे हैं। मंशा है कि किसी भी मां की मौत न हो, अगर कोई घटना हो भी जाती है तो आगे से ऐसा न हो, इसके लिए मातृ मृत्यु समीक्षा कार्यक्रम में मौत के कारणों को तलाश कर उन्हें दूर किया जाने की व्यवस्था है। कहने को तो हर महिला की मौत पर समीक्षा होती है, लेकिन यह केवल कागजों तक ही सीमित होकर रह गया है। एक तो आंकड़ों में मौत छिपाई जाती हैं और जो सामने आ भी जाती हैं, उनके निवारण का कोई प्रयास नहीं होता, जिसके चलते आए दिन मौत हो रही हैं। खबर में शामिल दो प्रकरण तो महज समझाने के लिए हैं, पूरे जिले में रोजाना कहीं न कहीं किसी की मौत हो जाती है और सबसे खास बात तो यह कि अधिकांश मौत खून की कमी या फिर गर्भवती महिला की प्रसव पूर्ण जांच न होना, अस्पताल में संसाधनों की कमी या फिर लापरवाही के कारण होती हैं और उन पर कोई नियंत्रण नहीं हो पा रहा है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों को ही देखें तो पिछले तीन माह में मातृ मृत्यु बढ़ती जा रही है और सितंबर में अगस्त में 11, सितंबर में 16 तो अक्टूबर में 19 मौत हुई। मातृ मृत्यु पर एक नजर (स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार)

वर्ष 2019-20 में हुई कुल मौत-30

वर्ष 2020-21 तक 22

2021-22 में अगस्त तक-11

2021-22 में सितंबर तक-16

2021-22 में अक्टूबर तक-19 -मातृ मृत्यु समीक्षा में कारणों की तलाश कर उन्हें दूर किया जाता है। इससे काफी नियंत्रण भी हुआ है, जहां लापरवाही सामने आई, वहां कार्रवाई भी की गई और मातृ मृत्यु दर कम करने के लिए पूरा प्रयास किया जा रहा है।---डा. सूर्य मणि त्रिपाठी, सीएमओ

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