निजी एवं व्यावसायिक भवन मालिक जागें तो संग्रहीत हो वर्षा जल
-कलेक्ट्रेट पांच तहसील विकास भवन और 19 विकास खंडों में बने हैं सिस्टम -गांवों में 101 भवनों में हो चुका है कार्य 1101 में बनवाए जा रहे हैं रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम
हरदोई : धरती की कोख में घट रहे जल भंडार को लेकर सभी चितित तो हैं, लेकिन बारिश की एक-एक बूंद सहेजने के प्रति सरकारी अमला ही संवेदनशील दिखाई दे रहा है। वर्षा जल संग्रहण के लिए निजी एवं व्यावसायिक भवन मालिक रूफ टाप रेन वाटर हार्वेस्टिग के प्रति जागरूक हो जाएं तो धरती की कोख लबालब हो सकती है।
वर्षा जल संचयन की अनदेखी और धरती की कोख से अंधाधुंध जल दोहन से पानी को लेकर भविष्य में युद्ध की आशंका तक जाहिर की जा रही है, लेकिन संरक्षण और संग्रहण के प्रति जागरूकता कम ही लोगों में दिखाई देती है। मिशन जल शक्ति और कैच द रेन के तहत जिले में बारिश की एक-एक बूंद सहेजने के लिए गांव के स्कूल और पंचायत भवनों में 101 में रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम बनवाए जा चुके हैं। जबकि कलेक्ट्रेट काफी वर्षों से सिस्टम बना है। विकास भवन और तहसील एवं विकास खंड कार्यालय में पिछले साल सिस्टम का निर्माण कराया गया है। जरूरत भर लें और अधिक से अधिक करें संग्रहीत : जिलाधिकारी अविनाश कुमार का कहना है कि धरती की कोख को भरने के बजाय अंधाधुंध जल दोहन किया जा रहा है, जो भावी पीढ़ी के लिए शुभ संकेत नहीं हैं। लोगों से अपील की कि जरूरत भर ही भू-गर्भ जल का इस्तेमाल और बारिश के अधिक से अधिक पानी को धरती की कोख में संग्रहीत करने का काम करें। करीब एक लाख आती है लागत : लघु सिचाई विभाग के सहायक अभियंता पीके सिंह ने बताया कि रूफ टाप रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम की लागत का निर्धारण में भवन की छत का एरिया महत्व रखता है। करीब 1200 स्क्वायर फिट की छत के लिए सिस्टम निर्माण पर करीब एक लाख की लागत आती है। बड़े एरिया के भवन में उसी अनुसार पाइपलाइन, बोरिग और सोख्ता गड्ढा की लागत में वृद्धि होती है।
यहां बारिश की एक-एक बूंद सहेजने को हैं बने हैं सिस्टम
01 कलेक्ट्रेट
01 विकास भवन
05 तहसील कार्यालय
19 विकास खंड कार्यालय
101 स्कूल एवं पंचायत भवन