तेज बारिश में ढह सकते हैं शहर के 88 जर्जर मकान

- भवन स्वामियों को पालिका प्रशासन ने मकान गिराने का जारी किया नोटिस - जर्जर भवन गिराने को तैयार नहीं भवन स्वामी

By JagranEdited By: Publish:Mon, 02 Aug 2021 11:07 PM (IST) Updated:Mon, 02 Aug 2021 11:07 PM (IST)
तेज बारिश में ढह सकते हैं शहर के 88 जर्जर मकान
तेज बारिश में ढह सकते हैं शहर के 88 जर्जर मकान

हरदोई : शहर के नगर पालिका परिषद हरदोई क्षेत्र में जर्जर मकानों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। ये मूसलाधार बारिश में किसी भी समय गिर सकते हैं। पालिका प्रशासन ने इन भवन स्वामियों को मकान गिराने संबंधी नोटिस जारी की है।

नगर पालिका प्रशासन की ओर से स्थानीय लोगों की मांग पर जर्जर मकानों को चिह्नित करने की प्रक्रिया शुरू की है। अब तक 88 जर्जर मकान चिह्नित किए गए हैं। अधिकतर मकानों में कोई नहीं रहता है। जर्जर मकान आसपास के लोगों के लिए खतरा है। स्थानीय लोगों का कहना है पालिका प्रशासन की ओर से मकानों को शीघ्र गिरवाया जाए, जिससे लोग सुरक्षित महसूस कर सके। अधिशासी अधिकारी रविशंकर शुक्ला ने बताया कि जर्जर मकानों को चिह्नित करने का कार्य समय-समय पर किया जाता है। अभियान चलाकर 88 जर्जर मकान चिह्नित किए गए थे। इन भवन स्वामियों को नोटिस देकर जर्जर मकान स्वत: गिरवाने को निर्देशित किया गया है। उन्होंने बताया कि अगर भवन स्वामी जर्जर मकान स्वयं नहीं गिराते है, तो पालिका प्रशासन की ओर से जर्जर मकानों को गिराया जाएगा। इसका पूरा खर्च भवन स्वामी से वसूल किया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि कुछ जर्जर मकानों का विवाद न्यायालय में लंबित है, जिसके चलते कार्रवाई नहीं हो पा रही है।

नौ साल में ही जर्जर हो गया भूकंप रोधी कक्ष-पचकोहरा : विकास खंड सुरसा के प्राथमिक विद्यालय मढिया मजरा पचकोहरा का भूकंप रोधी कक्ष जर्जर हो गया हैं। इससे कभी कोई बड़ा हादसा हो सकता है।

विद्यालय स्टाफ के अनुसार 2012 में भूकंप रोधी अतिरिक्त कक्ष का निर्माण करवाया गया था, जिसकी हालात काफी जर्जर हो चुकी है। प्रधानाध्यापिका ने बताया की इस कक्ष में छात्र-छात्राओं को बैठने नहीं दिया जाता । कक्ष की छत से प्लास्टर गिरता रहता है,अधिक बरसात होने पर छत से पानी टपकने लगता है। दीवार और छतों में बड़ी बड़ी दरारें पड़ी हुई हैं, जिससे उसके गिरने का खतरा हमेशा बना रहता है। विद्यालय के इस कक्ष के अतिरिक्त रसोई कक्ष की भी हालत भी दयनीय है। विद्यालय के शौचालय का समुचित रखरखाव और साफ सफाई न होने से उसकी हालत से बदतर हो गई है। गांव में सफाईकर्मी तैनात हैं, लेकिन विद्यालय की साफ-सफाई कभी नहीं की जाती। जिसे उसके परिसर में झाड़ियां उग आई हैं।

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