हड़ताल पर एंबुलेंस कर्मी, आफत में मरीजों की जान

-एंबुलेंस कर्मियों ने विभिन्न मांगों को लेकर की हड़ताल -निजी वाहनों से मरीजों को लेकर तीमारदार पहुंचे अस्पताल

By JagranEdited By: Publish:Mon, 26 Jul 2021 10:59 PM (IST) Updated:Mon, 26 Jul 2021 10:59 PM (IST)
हड़ताल पर एंबुलेंस कर्मी, आफत में मरीजों की जान
हड़ताल पर एंबुलेंस कर्मी, आफत में मरीजों की जान

हरदोई : एंबुलेंस कर्मचारी संघ के बैनर तले विभिन्न मांगों को लेकर कर्मियों ने रविवार देर रात से हड़ताल शुरू कर दी। हड़ताल से मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। उनकी जान आफत में फंसी रही। किसी तरह निजी वाहनों से तीमारदार अपने मरीजों को लेकर अस्पताल पहुंचे।

जिले में 102 की 48, 108 की 47 और चार एएलएस एंबुलेंस चल रही हैं, जो मरीजों को स्वास्थ्य केंद्र और अस्पताल तक पहुंचाती हैं। इनका संचालन जीवीके कंपनी के द्वारा किया जा रहा था। अब एएलएस एंबुलेंस संचालन की जिम्मेदारी जिगित्सा हेल्थ लिमिटेड को सौंप दी गई है। इस कंपनी ने पुराने और अनुभवी कर्मियों को रखने के बजाए नए कर्मियों की भर्ती के लिए विज्ञापन जारी कर दिया और भर्ती भी शुरू कर दी है। इससे नाराज एएलएस एंबुलेंस कर्मियों ने शुक्रवार से विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। देहात क्षेत्र के हरदोई-शाहजहांपुर मार्ग पर चौपाल सागर के सामने कर्मियों ने सभी एंबुलेंस को खड़ा कर दिया और हड़ताल शुरू कर दी है। एंबुलेंस कर्मियों की ये हैं मांगे : शासन स्तरीय मांगों का एसडीएम सदर दीक्षा जैन को ज्ञापन दिया, जिसमें एएलएस कर्मियों को समायोजन करने की मांग की है। इसके साथ ही कंपनी बदलने पर वेतन में किसी भी तरह की कटौती न किए जाने, कर्मियों को नेशनल हेल्थ मिशन के अधीन किए जाने, कोरोना महामारी में जान गंवाने वाले कर्मियों को बीमा राशि दिलाए जाने की मांग की है। पांच एंबुलेंस सड़क पर रही दौड़ : एंबुलेंस कर्मचारी संघ के मंडल अध्यक्ष सलिल अवस्थी और जिला उपाध्यक्ष मोहम्मद लियाकत अली ने बताया कि गंभीर मरीजों को अस्पताल पहुंचने में दिक्कत न हो, इसके लिए पांच एंबुलेंस सड़क पर दौड़ रही हैं और गंभीर मरीजों को अस्पताल लेकर जा रही है। इनसेट--

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ई-रिक्शा से पत्नी को लेकर आए अस्पताल

देहात क्षेत्र के ग्राम खेतहरी निवासी शीला की तबीयत खराब हो गई। पति परशुराम ने 108 एंबुलेंस को फोन किया, फोन न लगने पर स्वजन उन्हें ई-रिक्शा से लेकर जिला अस्पताल पहुंचे, जहां पर चिकित्सक ने उन्हें भर्ती कर लिया।

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पिकअप से लेकर मरीज को लेकर पहुंचे तीमारदार : बेहटागोकुल क्षेत्र के ग्राम गयधरा निवासी राहुल का पत्नी रूबी से विवाद हो गया है, जिसके बाद उसने अपने हाथ की नस काट ली। स्वजन उसे अस्पताल लाने के लिए एंबुलेंस को फोन करते रहे, लेकिन एंबुलेंस नहीं मिली। इसके बाद स्वजन पिकअप पर चारपाई डालकर मरीज को अस्पताल लेकर पहुंचे। अस्पताल पहुंचते ही तोड़ दिया दम: शहर के नघेटा रोड निवासी कुसुम अग्रवाल की सोमवार को अचानक हालत बिगड़ गई। स्वजन को जब एंबुलेंस नहीं मिली तो वह लोग आनन-फानन में निजी वाहन से उन्हें लेकर अस्पताल पहुंचे, जहां पर इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया। एंबुलेंस की खबर का इनसेट

रोजाना काफी संख्या में आते हैं मरीज

जिला अस्पताल में रोजाना 108 एंबुलेंस से 20 से 22 मरीज आते हैं। वहीं महिला अस्पताल में रोजाना दस से 12 गर्भवती महिलाएं प्रसव के लिए आती हैं। इनके अलावा प्रसूताओं को 102 एंबुलेंस से घर भेजा जाता हैं, लेकिन हड़ताल के चलते प्रसूताओं को निजी वाहन से घर जाना पड़ा।

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