दूसरी लहर में अनुभव और संसाधन आए थे आड़े

-जिले में उपकरण और संसाधनों की कमी को किया गया दूर -चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मियों को इलाज के दिए गए टिप्स

By JagranEdited By: Publish:Sun, 01 Aug 2021 10:57 PM (IST) Updated:Sun, 01 Aug 2021 10:57 PM (IST)
दूसरी लहर में अनुभव और संसाधन आए थे आड़े
दूसरी लहर में अनुभव और संसाधन आए थे आड़े

हरदोई : कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर का इतना बड़ा असर होगा, इसका चिकित्सकों को न तो अहसास था और न ही अनुभव। संसाधनों की कमी का भी इलाज करने में दिक्कतों का सामना अधिक करना पड़ा था, लेकिन अब ऐसी स्थिति नहीं है। चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षित किया गया है और उपकरण व संसाधनों की कमी को दूर किया गया है।

कोरोना नई बीमारी थी, जिससे किस प्रकार चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मियों को निपटना है। इसकी कोई जानकारी नहीं थी। इसके साथ ही कोरोना बीमारी को लेकर सभी भयभीत थे। पहली लहर में संक्रमण नाक, मुंह और गले तक जा रहा था, जिस कारण मौत का फीसद अधिक नहीं था। दूसरी लहर में संक्रमण फेफड़ों तक पहुंच गया और लोगों को आक्सीजन की कमी होने लगी। इससे मौत का फीसद तो बढ़ा ही संक्रमितों के इलाज में आक्सीजन की कमी भी खली थी। अचानक से आक्सीजन की मांग बढ़ने के कारण हालात बिगड़े थे। जिले में एक आक्सीजन प्लांट था वह भी सही से कार्य नहीं कर रहा था। साथ ही कोविड सेंटर भी नहीं थे, लेकिन तीसरी लहर से निपटने के लिए जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने सात आक्सीजन प्लांट जिले में लगा लिए हैं और इसके साथ ही चार सीएचसी भी तैयार कर ली हैं, जहां पर संक्रमितों का इलाज हो सकेगा। इसके अलावा बच्चों के अधिक संक्रमित होने की आशंका के चलते चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षण भी दिया गया है। कोविड सेंटर एल टू में हाईटेक मशीनों की व्यवस्था की गई है। वहीं सीएचसी पर बाइपेप, आक्सीजन कंसंट्रेटर के साथ ही नेबुलाइजर उपलब्ध करा दिए गए हैं। वैक्सीनेशन कम होना भी बना था समस्या : दूसरी लहर तक बुजुर्ग और गंभीर बीमारियों से ग्रसित लोगों का ही वैक्सीनेशन हो पाया था, जिस कारण युवा अधिक संक्रमित हुए थे। वैक्सीनेशन संक्रमण के प्रभाव को कम कर रहा है, इसलिए वैक्सीन लगने से लोग सुरक्षित हो रहे हैं। तीसरी लहर से पहले सरकार ने अधिक से अधिक लोगों का वैक्सीनेशन करने का लक्ष्य रखा है, जो तेजी से चल रहा है। तीसरी लहर से लड़ने में यह अधिक सहायक होगा। बोले जिम्मेदार : दूसरी लहर में चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मियों को मशीनों के संचालन की जानकारी नहीं थी, इसको दूर किया गया है और उन्हें प्रशिक्षण दिया जा चुका है। साथ ही जिन कमियों से हमे दूसरी लहर से लड़ने में दिक्कत हुई थी, उन्हें दूर किया गया है।

डा. पंकज मिश्रा, सहायक नोडल अधिकारी

chat bot
आपका साथी