आश्रयस्थल में जलभराव से आठ गोवंश की मौत

-छह की हालत गंभीर पंचायत सचिव निलंबित बीडीओ से जवाब-तलब पशु चिकित्साधिकारी के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई की संस्तुति

By JagranEdited By: Publish:Fri, 17 Sep 2021 10:15 PM (IST) Updated:Fri, 17 Sep 2021 10:15 PM (IST)
आश्रयस्थल में जलभराव से आठ गोवंश की मौत
आश्रयस्थल में जलभराव से आठ गोवंश की मौत

कछौना (हरदोई): क्षेत्र के पतसेनी पशु आश्रयस्थल में बारिश से हुए जलभराव में फंसकर आठ गोवंश की मौत हो गई, जबकि छह की हालत गंभीर बनी हुई है। डीएम अविनाश कुमार ने एडीएम व एसडीएम से जांच कराई। बताया कि पंचायत सचिव को निलंबित व बीडीओ से जवाब-तलब करने के साथ प्रधान व पशु चिकित्साधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति की गई है।

गुरुवार को शुरू हुई बारिश के कारण निचली भूमि के कारण पशु आश्रयस्थल पर जलभराव हो गया। शुक्रवार को आश्रयस्थल की भूमि दलदली होने से गोवंश उसमें फंसकर गिर गए और मौत हो गई। गोवंश की मौत से खलबली मच गई। एडीएम संजय कुमार, संडीला एसडीएम मनोज कुमार श्रीवास्तव सहित अधिकारी पहुंचे। एडीएम ने बताया कि जांच में आठ गोवंश की मौत की पुष्टि हुई है। बताया कि आश्रयस्थल के रिकार्ड में 111 गोवंश दर्ज हैं, जिसमें आठ की मौत हुई है और छह बीमार हैं, जिन्हें अस्पताल पहुंचाया गया है। बताया कि जो गोवंश बीमार थे, उनकी मौत हुई है।

बताया कि प्रारंभिक जांच में ग्राम पंचायत अधिकारी संतोष कुमार की लापरवाही सामने आई, जिस पर उन्हें निलंबित कर दिया गया है। कछौना के बीडीओ से जवाब-तलब किया गया है। पशु आश्रयस्थल के संचालन की जिम्मेदारी ग्राम पंचायत की है और इसके लिए प्रधान के खिलाफ भी कार्रवाई की संस्तुति की गई है। पशु आश्रयस्थल पर इंतजाम कराए गए है और जो भी कमियां हैं उन्हें दूर कराया जा रहा है।

इकाइयों के अंदर तक भरा पानी, काम ठप

-संडीला : जलनिकासी का उचित प्रबंध न होने से बरसात के पानी से औद्योगिक क्षेत्र वाटर पार्क जैसा दिख रहा है। इकाइयों के अंदर तक पानी भर गया है, जिस कारण उद्यमी भगवान विश्वकर्मा की पूजा तक सही प्रकार से नहीं कर पाए।

संडीला इंडस्ट्री एसोसिएशन की ओर से लगातार शिकायतें और अधिकारियों के दौरे के बाद भी औद्योगिक क्षेत्र बदहाल है। पानी निकासी की व्यवस्था न होने के कारण फेस-टू में भीषण जलभराव हो गया। उद्यमी, कर्मचारी और श्रमिक फैक्ट्रियों में नहीं पहुंच पा रहे हैं। भारत मेटल के राजेश वर्मा व असद हसन ने बताया कि उनकी रिसाइकिलिग इकाइयां फेस-टू में है, जिनमें अंदर तक पानी भरा है और काम ठप है। उद्यमी अश्वनी गुलाटी का कहना है कि जलभराव के कारण वह भगवान विश्वकर्मा की पूजा नहीं कर पा रहे हैं। राजकी पाइप के मनोज ने बताया कि औद्योगिक वाटर पार्क घोषित कर देना चाहिए।

कई उद्यमियों का कहना है कि यूपीएसआईडीसी उन सभी से भारी भरकम मेंटेनेंस चार्ज वसूल करता है और मार्ग व जलनिकासी जैसी मूलभूत सुविधा उपलब्ध नहीं करा पा रहा है। मार्गों की दुर्दशा देखकर ट्रक वाले माल लोडिग-अनलोडिग को तैयार नहीं होते। उद्यमियों ने जलभराव की जानकारी डीएम को दी है और इंटरनेट मीडिया पर चित्र व वीडियो अपलोड कर शिकायतें दर्ज कराई हैं।

chat bot
आपका साथी