ड्राप आउट बच्चों के प्रवेश को शारदा सर्वे में बाधक बने 55 हॉटस्पॉट
को प्रवेश दिलाने की जिम्मेदारी है शिक्षकों की जागरण संवाददाता हापुड़ कोरोना संक्रमण के चलते जनपद में बने 55 हॉटस्पॉट सर्व शिक्षा अभियान के तहत ड्रॉप आउट बच्चों के शारदा सर्वे में बाधक बने हैं। हॉटस्पॉट में बेसिक शिक्षा विभाग के करीब 70 विद्यालय हैं। हॉटस्पॉट में शिक्षक सर्वे करने से कतरा रहे हैं। संक्रमण का खतरा है। ऐसे में सर्वे नहीं हुआ तो ड्रॉप आउट बच्चे इस सत्र में शिक्षा से वंचित रह सकते हैं।
जागरण संवाददाता, हापुड़
कोरोना संक्रमण के चलते जनपद में बने 55 हॉटस्पॉट सर्व शिक्षा अभियान के तहत ड्रॉप आउट बच्चों के शारदा सर्वे में बाधक बने हैं। हॉटस्पॉट में बेसिक शिक्षा विभाग के करीब 70 विद्यालय हैं। हॉटस्पॉट में शिक्षक सर्वे करने से कतरा रहे हैं। संक्रमण का खतरा है। ऐसे में सर्वे नहीं हुआ तो ड्रॉप आउट बच्चे इस सत्र में शिक्षा से वंचित रह सकते हैं।
जनपद में 427 प्राथमिक विद्यालय हैं। सर्व शिक्षा अभियान के तहत छह साल से 14 साल तक के ड्राप आउट बच्चों के लिए बेसिक शिक्षा विभाग शारदा सर्वे कराता है। सर्वे में ऐसे बच्चों को चिन्हित किया जाता है, जो शिक्षा ग्रहण नहीं कर रहे हैं। अर्थात उनका किसी भी स्कूल में प्रवेश नहीं है। यह सर्वे अप्रैल माह में होता है। पर इस बार लॉकडाउन के चलते स्कूल बंद थे और सर्वे नहीं हुआ है।
एक जुलाई से विद्यालय खुल गए हैं। बच्चों के स्कूल आने पर रोक है। ड्राप आउट बच्चों का सर्वे शुरू होना है पर जनपद में 55 हॉटस्पॉट क्षेत्र हैं। जहां कोरोना संक्रमित मरीज मिले हैं। इन क्षेत्रों में करीब 70 से अधिक स्कूल हैं। शिक्षकों को निर्देश हैं कि वह घर-घर जाकर सर्वे का कार्य करें। हॉटस्पॉट से बाहर जाना एवं आना पूरी तरह से प्रतिबंधित है। ऐसे में शिक्षकों के सामने सर्वे की समस्या आ रही है। यह सर्वे 30 जुलाई तक होना है। हॉटस्पॉट का सर्वे न होने से ड्राप आउट बच्चे चिन्हित नहीं हो पाएंगे। ऐसी स्थिति में प्रवेश से वंचित रह सकते हैं। बेसिक शिक्षा अधिकारी अर्चना गुप्ता का कहना है कि शारदा सर्वे में ड्राप आउट बच्चों का सर्वे होना है। हॉटस्पॉट क्षेत्रों में बाहरी लोगों का प्रवेश बंद रहता है। उन क्षेत्रों के लिए अभी अलग से कोई दिशा-निर्देश नहीं मिले हैं। हॉटस्पॉट क्षेत्रों में शासन के निर्देशों का पालन कराया जाएगा।