जल की गुणवत्ता की गांव में होगी जांच
मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में जिला के सभी विकास खंडों ग्राम पंचायत क्षेत्रों की जल गुणवत्ता जांच एवं निगरानी के लिए बैठक आयोजित की गई। इसमें जल गुणवत्ता जांच एवं निगरानी के लिए वितरित होने वाले एफटीके तथा वायल्स की समीक्षा की गई।
जागरण संवाददाता, हापुड़ : मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में जिला के सभी विकास खंडों, ग्राम पंचायत क्षेत्रों की जल गुणवत्ता जांच एवं निगरानी के लिए बैठक आयोजित की गई। इसमें जल गुणवत्ता जांच एवं निगरानी के लिए वितरित होने वाले एफटीके तथा वायल्स की समीक्षा की गई।
बैठक जल निगम के अधीक्षण अभियंता ने बताया कि गांवों में फील्ड टेस्ट कीट एवं वायल्स का शीघ्र वितरण किया जाएगा। वहीं प्रत्येक गांव से पांच महिलाओं की टीम गठित की जाएगी। इनमें एसएचजी आशा, एएनएम, आंगनबाड़ी कार्यकत्री, अध्यापिका और तीन अन्य कार्यकर्ता जिनमें ग्राम प्रधान, डब्ल्यूएससी सदस्य, प्राइमरी अथवा प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य होंगे। वहीं विज्ञान छात्रों में से कोई तीन जो सक्रिय हों, फील्ड टेस्ट किट यूजर के रूप में उन्हें नामित करते हुए डब्लूएमआइएस पोर्टल पर पंजीकृत किया जाएगा।
जिला विकास अधिकारी और खंड विकास अधिकारी जल गुणवत्ता परीक्षण के लिए फील्ड स्तर के कार्मिकों- ग्राम पंचायत की पांच-पांच महिलाएं और तीन सक्रिय कार्यकर्ता को आवश्यक प्रशिक्षण दिया जाएगा। बैठक में जल निगम के अधिशासी अभियंता ने बताया कि जल गुणवत्ता के सर्विलांस के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर फील्ड टेस्ट किट एवं प्रयोगशालाओं के माध्यम से कराए गए जल गुणवत्ता जांच के लिए निगरानी एवं जल गुणवत्ता कंट्रोल रूम की स्थापना भी की जाएगी।
मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि खंड विकास अधिकारी से प्राप्त की गई जल जांच रिपोर्ट को भारत सरकार के आइएमआइएस जेजेएम पर दर्ज कराया जाएगा। कमी पाए गए जल स्त्रोत के नमूनों की प्रयोगशाला में जांच के लिए इकट्ठा करने का कार्य और दूषित पेयजल स्त्रोत की रोकथाम के लिए विस्तृत कार्य योजना बनाकर दूषित पेयजल स्त्रोत की समस्या का निराकरण किया जाएगा। जल गुणवत्ता परीक्षा के लिए ग्राम पंचायत जिम्मेदार होंगे। साथ ही दीवार लेखन द्वारा जल गुणवत्ता परिणाम भी अंकित किए जाएंगे।