डर के आगे जीत है.. किसान की बेटी चारू कंसल ने कर दिखाया
डर के आगे जीत है.. यह अक्सर सुना जाता है लेकिन किसान की बेटी चारू कंसल ने कर दिखाया कि जीत पाने के लिए लक्ष्य निर्धारित होना चाहिए। सीबीएसइ इंटरमीडिएट में जनपद में दूसरा स्थान प्राप्त करने वाली चारू कंसल को परीक्षा के दौरान सबसे अधिक खतरा इंग्लिश विषय में था। लेकिन मेहनत और लगन से चारू ने 100 में से 100 नंबर प्राप्त किए।
13 एचपीआर 37
जागरण संवाददाता, हापुड़:
डर के आगे जीत है.. यह अक्सर सुना जाता है, लेकिन किसान की बेटी चारू कंसल ने कर दिखाया कि जीत पाने के लिए लक्ष्य निर्धारित होना चाहिए। सीबीएसई इंटरमीडिएट में जनपद में दूसरा स्थान प्राप्त करने वाली चारू कंसल को परीक्षा के दौरान सबसे अधिक खतरा इंग्लिश विषय में था, लेकिन मेहनत और लगन से चारू ने 100 में से 100 नंबर प्राप्त किए।
देवलोक कॉलोनी निवासी चारू कंसल के पिता संजय कंसल किसान है। माता चंचल कंसल गृहणी हैं। पांच भाई-बहनों में तीसरे नंबर पर चारू कंसल हैं। चारू कंसल दीवान पब्लिक स्कूल की छात्रा हैं। चारू ने बताया कि वह सीए बनना चाहती है और इसी दिशा में वह आगे बढ़ रहीं हैं।