एकमुश्त योजना का लाभ उठाने के लिए बकायेदार जल्द कराएं पंजीकरण: भूपेंद्र सिंह

पिलखुवा नगर हैंडलूम नगरी के रूप से विश्व विख्यात है। ऐसे में बिजली की व्यवस्था बेहतर होना बेह

By JagranEdited By: Publish:Sun, 24 Oct 2021 06:20 PM (IST) Updated:Sun, 24 Oct 2021 06:20 PM (IST)
एकमुश्त योजना का लाभ उठाने के लिए बकायेदार जल्द कराएं पंजीकरण: भूपेंद्र सिंह
एकमुश्त योजना का लाभ उठाने के लिए बकायेदार जल्द कराएं पंजीकरण: भूपेंद्र सिंह

पिलखुवा नगर हैंडलूम नगरी के रूप से विश्व विख्यात है। ऐसे में बिजली की व्यवस्था बेहतर होना बेहद जरूरी है। नगर और ग्रामीण क्षेत्र में बिजली कटौती का क्या शेड्यूल है, बिजली चोरी रोकने के लिए ऊर्जा निगम क्या कर रहा है, ग्रामीण क्षेत्र में बिजली आपूर्ति बढ़ाने के लिए क्या योजना तैयार की गई हैं, आए दिन बिजली केबल चोरी होने की घटनाओं से कैसे निपटेंगे, बकाया वसूली के लिए क्या-क्या कार्रवाई की जा रही है, केंद्र और प्रदेश सरकार की योजनाओं का कितने प्रतिशत लोगों को अब तक लाभ मिला है सहित अन्य मुद्दों पर दैनिक जागरण के संवाददाता संजीव वर्मा ने ऊर्जा निगम के अधिशासी अभियंता भूपेंद्र सिंह से बातचीत की। पेश है बातचीत के कुछ अंश.. जीवन परिचय :

भूपेंद्र सिंह मूलरूप से सहारनपुर से हैं। इनका जन्म 25 जुलाई 1977 को एक किसान परिवार में हुआ। उन्होंने हाई स्कूल और इंटरमीडिएट की पढ़ाई एसडी कालेज सहारनपुर से की। इसके बाद इंजीनियरिग की पढ़ाई आइईआइ कोलकाता से की। वर्ष 2012 में सहायक अभियंता के रूप में पहली नियुक्ति ट्रांसमिशन डिवीजन मेरठ में हुई। इसके बाद 400 केवी उपकेंद्र मुजफ्फरनगर में तबादला हुआ। जून 2021 में प्रोन्नति के पश्चात ट्रांसमिशन से पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड आवंटित हुआ। नौ जून से वह पिलखुवा विद्युत वितरण निगम में अधिशासी अभियंता के पद पर तैनात हैं।

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बिजली चोरी के मामले बढ़ते जा रहे हैं। खासकर ग्रामीण अंचल में कटिया डालकर बिजली चोरी की जाती है। बिजली चोरी रोकने के लिए क्या कदम उठाया जा रहा है?

- ऊर्जा निगम ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली चोरी रोकने के लिए कारगर कदम उठाने की तैयारी में जुटा है। गांवों में एरियल बंच कनेक्टर (एबीसी तार) लगाने की योजना है। डिवीजन के पंद्रह गांव चिन्हित किए गए हैं। जिनमें यह केबल लगाई जाएगी। तार लगने से लो वोल्टेज की समस्या खत्म हो जाएगी और कटिया डालकर बिजली चोरी भी नहीं की जा सकेगी। इसी तरह बिजली चोरी रोकी जाएगी।

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बकाएदारों पर ऊर्जा निगम का करोड़ों रुपया बकाया है। जिनमें सरकारी और गैर सरकारी उपभोक्ता भी शामिल हैं। बकाया वसूलने के लिए क्या कार्रवाई चल रही है?

- ऊर्जा निगम डिवीजन द्वितीय का सरकारी और गैर सरकारी उपभोक्ताओं पर करोड़ों बकाया है। जिनमें पुलिस, नगर पालिका परिषद, अस्पताल, परिषदीय स्कूल भी शामिल हैं। बकाएदारों को अलग-अलग श्रेणी में बांटा गया है। बकाए को लेकर लगातार टीम छापामार कार्रवाई कर रही हैं। दिन-रात अभियान चलाया जा रहा है। बड़ी संख्या में बकाएदारों के कनेक्शन काट दिए गए हैं। उनके खिलाफ आरसी की कार्रवाई की जा चुकी हैं। हालांकि, अभियान का असर है कि धीरे-धीरे उपभोक्ता बकाया बिल जमा करने की मुख्य धारा से जुड़ते जा रहे हैं। पिछले कुछ दिनों में कार्रवाई से बचने के लिए कई बकाएदारों ने संपूर्ण बिल जमा किया है। वहीं प्रदेश सरकार ने एक मुश्त समाधान योजना लागू की है। जिसमें बकाएदार अपना पंजीकरण कर सकता है। इस एक मुश्त समाधान योजना में सरचार्ज से पूरी खत्म होगा।

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ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में अनेकों स्थानों पर तार जर्जर हो चुके हैं। कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। इसके लिए क्या योजना है, जिससे आने वाले हादसों को रोका जा सके?

- मैंने अभी कुछ दिन पहले ही चार्ज लिया है। क्षेत्र का निरीक्षण किया जा रहा है। डिवीजन में शहर के अतिरिक्त 156 गांव हैं। वर्तमान में पंद्रह गांवों में जर्जर तार बदलने की योजना है। जल्द ही इस दिशा में काम शुरू हो जाएगा। इन गांवों में बझैड़ा खुर्द, बझैड़ा कला, मदापुर, बड़ौदा हिदवान, डूहरी आदि गांव शामिल हैं। शहरी क्षेत्र का भी निरीक्षण किया जाएगा। जहां-जहां जर्जर तार हैं, उनका एस्टीमेट बनाकर उच्चाधिकारियों को भेजा जाएगा। जिससे समयानुसार जर्जर तारों को बदला जा सके।

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ग्रामीण क्षेत्र में बेहतर बिजली आपूर्ति के लिए क्या योजना है, जिससे ग्रामीणों को बिजली कटौती से ना जूझना पड़े?

- ग्रामीण अंचल में ट्यूबवेल और घरेलू कनेक्शन लाइन के फीडर अलग किए जाएंगे। डिवीजन के अंतर्गत सभी उपकेंद्र दुरुस्त कर दिए गए हैं। दरअसल, अभी ग्रामीण अंचल में दोनों कनेक्शन एक फीडर से जुड़े होने के कारण परेशानी हो रही थी। कई बार किसान ट्यूबवेल चालू करके भूल जाते थे। कई बार चौबीस घंटे ट्यूबवेल चलती रहती थी। ऐसे में दोनों फीडर अलग-अलग होने के बाद बिजली की अनावश्यक खपत को रोका जा सकेगा। इसके बाद ग्रामीण क्षेत्र में 18 घंटे बिजली सुचारू रूप से दी जा सकेगी और ट्यूबवेल के लिए दस घंटे बिजली आपूर्ति निर्धारित की जाएगी। गांव में स्थित सरकारी ट्यूवबेल का भुगतान अब प्रधान द्वारा ग्राम पंचायत के माध्यम से कराया जाएगा।

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उपभोक्ताओं की शिकायत है कि फाल्ट या अन्य विभागीय शिकायत करने में परेशानी होती है। इसका मुख्य कारण है, मोबाइल फोन नंबर का वितरण ना होना?

- उपभोक्ताओं की इस समस्या को देखते हुए सभी उपकेंद्र पर अवर अभियंता, लाइनमैन, एसडीओ और अधिशासी अभियंता के स्थाई मोबाइल नंबर अंकित हैं। उपभोक्ताओं से अनुरोध है कि फाल्ट या कोई भी समस्या होने पर पहले वह अवर अभियंता एवं लाइनमैन को फोन करें। सुनवाई ना होने पर एसडीओ और मुझे फोन कर शिकायत कर सकते हैं। क्षेत्रवासियों की समस्या को देखते हुए अवर अभियंता को निर्देश दिए गए हैं कि वह एक डायरी तैयार करेंगे। जिसमें कनेक्शन धारकों की सूची, बकायेदारों के नामों की सूची और बकाया की रकम, फाल्ट की सूचना और सही करने का विवरण अंकित करेंगे। जिससे किसी भी उपभोक्ता के द्वारा शिकायत होने पर जांच की जा सकेंगे।

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