इस सावन शोर शराबा रहेगा लॉक, घर पर होगी भोले की भक्ति

कांवड़ यात्रा आस्था और भक्ति का प्रतीक है। कोसों दूरी की यात्रा कर शिवभक्त जल लाकर भोले शंकर का जलाभिषेक करते हैं। पिछले वर्ष प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ द्वारा बम-बम भोले कर मंजिल की ओर बढ़ रहे शिवभक्त का हेलीकाप्टर से फूल बरसाकर स्वागत किया था लेकिन कोरोना संकट काल में इस बार सदियों से कांवड़ यात्रा के दौरान दिखने वाला भक्ति का नजारा देखने को नहीं मिलेगा। कांवड़ यात्रा पर इस बार पाबंदी रहेगी। भक्तों को घर में रहकर भगवान शिव की आराधना करनी होगी।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 02 Jul 2020 06:51 PM (IST) Updated:Thu, 02 Jul 2020 06:51 PM (IST)
इस सावन शोर शराबा रहेगा लॉक, घर पर होगी भोले की भक्ति
इस सावन शोर शराबा रहेगा लॉक, घर पर होगी भोले की भक्ति

02 एचपीआर 22, 23, 24

जागरण संवाददाता, हापुड़:

कांवड़ यात्रा आस्था और भक्ति का प्रतीक है। कोसों दूरी की यात्रा कर शिवभक्त जल लाकर भोले शंकर का जलाभिषेक करते हैं। पिछले वर्ष प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ द्वारा बम-बम भोले कर मंजिल की ओर बढ़ रहे शिवभक्त का हेलीकाप्टर से फूल बरसाकर स्वागत किया था, लेकिन कोरोना संकट काल में इस बार सदियों से कांवड़ यात्रा के दौरान दिखने वाला भक्ति का नजारा देखने को नहीं मिलेगा। कांवड़ यात्रा पर इस बार पाबंदी रहेगी। भक्तों को घर में रहकर भगवान शिव की आराधना करनी होगी। जनपद के प्रसिद्ध कुछ मंदिर रेड जोन में है। लेकिन, जो ग्रीन जोन में है उनमें तीन दिन बाद पड़ने वाले सावन के पहले सोमवार को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं। मंदिरों में भी शोर शराबा बंद रहेगा, केवल भक्त भक्ति के सराबोर में डूबते दिखाई देंगे।

दशकों से कांवड़ यात्रा चलती जा रही है। शिवभक्त गोमुख और हरिद्वार से गंगाजल लाकर अपने-अपने क्षेत्र में भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं। जनपद से हर वर्ष दो लाख से अधिक शिवभक्त हरिद्वार और गोमुख कांवड़ लेने जाते हैं। पिलखुवा के शिव मंदिर दहपा, शहर के महादेव मंदिर, चंडी मंदिर, सिखेड़ा स्थित शिव मंदिर, हापुड़ में श्रीचंडी मंदिर, मनसादेवी मंदिर सहित सैकड़ों मंदिरों में जलाभिषेक हुआ करता हैं। मंदिरों के बाहर मेला लगाया करता था। हरिद्वार से लेकर जनपद में विभिन्न स्थानों पर कांवड़ सेवा शिविर लगा करते थे। इस बार कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए प्रदेश सरकार ने कांवड़ यात्रा पर पांबदी लगाई गई है। इसके चलते शिवभक्त कांवड़ लेने नहीं जाएंगे और पूर्व में आयोजित होने वाले आयोजन नहीं होंगे। चैत्र मास नवरात्र में मां शक्ति की आराधना की तरह इस बार भगवान शिव की पूजा भी घरों में होगी। हालांकि कोरोना संक्रमित से बाहर वाले मंदिर खोले जाएंगे, लेकिन इन मंदिरों में भी शोर-शराबा बंद रहेगा। एक बार में केवल चार-पांच भक्त की शारीरिक दूरी का पालन करते हुए मंदिर में प्रवेश कर पाएंगे।

------------

क्या कहते हैं पुजारी

- भक्ति मन से होती है। कोरोना महामारी को देखते हुए भक्त भगवान शिव की आराधना सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए करेंगे। मंदिरों में शारीरिक दूरी का पालन कराया जाएगा।

-- श्याम मोहन शर्मा, पुजारी, मनसा देवी हापुड़

- सावन मास में भगवान शिव की आराधना होती है। कांवड़ यात्रा पर इस बार पाबंदी है। इसके चलते अधिक संख्या में भीड़ मंदिरों में पहुंचने की संभावना नहीं है। सरकारी आदेश का पालन करते हुए मंदिर में पूजा-अर्चना होगी।

- मुन्ना लाल तिवारी, पुजारी, श्री चंडी मंदिर हापुड़

chat bot
आपका साथी