285 वेंडरों की जल्द चमकेगी किस्मत, ऋण मिलने का रास्ता साफ

लॉकडाउन के दौरान प्रभावित हुए शहरी क्षेत्र के पथ विक्रेताओं के लिए प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर निधि योजना वरदान बनने जा रही है। नगर पालिका व नगर पंचायतों में अब तक चिह्नित आठ हजार स्ट्रीट वेंडरों में से 2

By JagranEdited By: Publish:Thu, 16 Jul 2020 07:51 PM (IST) Updated:Thu, 16 Jul 2020 07:51 PM (IST)
285 वेंडरों की जल्द चमकेगी किस्मत, ऋण मिलने का रास्ता साफ
285 वेंडरों की जल्द चमकेगी किस्मत, ऋण मिलने का रास्ता साफ

जागरण संवाददाता, हापुड़ :

लॉकडाउन के दौरान प्रभावित हुए शहरी क्षेत्र के पथ विक्रेताओं के लिए प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर निधि योजना वरदान बनने जा रही है। नगर पालिका व नगर पंचायतों में अब तक चिह्नित आठ हजार स्ट्रीट वेंडरों में से 285 ने आवेदन किया है, जिन्हें स्वरोजगार के लिए 10-10 हजार रुपये का बिना गारंटी ऋण देने की प्रक्रिया शुरू की गई है।

कोरोना से निपटने के लिए हुए लॉकडाउन का खामियाजा सबसे अधिक पटरी पथ विक्रेताओं को भोगना पड़ा। कई महीने तक काम-धंधा बंद होने के कारण वे आर्थिक रूप से टूट चुके हैं। पथ विक्रेताओं को अपना रोजगार खड़ा करने के लिए केंद्र सरकार प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर निधि से मदद करने जा रही है। सभी को 10-10 हजार रुपये का ऋण स्वरोजगार के लिए दिया जाना है। इसके लिए जिले में आठ हजार पथ विक्रेताओं को चिह्नित किया गया है। योजना के लाभ के लिए नगर पालिका व नगर पंचायतों में आवेदन का काम भी शुरू हो गया है। जल्द ही विभिन्न बैंकों के माध्यम से योजना का लाभ दिया जाएगा।

बता दें कि लॉकडाउन शुरू होने से पहले यानी 24 मार्च से पहले विक्रय गतिविधि करने वाले पथ विक्रेताओं को योजना का लाभ मिलेगा। इसमें शहर में फेरी लगाने वाले पथ विक्रेताओं के अलावा शहरी इलाकों के आसपास व ग्रामीण क्षेत्रों से आए पथ विक्रेताओं को भी योजना का लाभ मिलेगा।

परियोजना अधिकारी डूडा वाइएस गौतम ने बताया कि योजना का लाभ पाने के लिए पथ विक्रेताओं के विक्रय प्रमाणपत्र या परिचयपत्र नगर निकायों से जारी हुए हों। यदि सर्वे सूची में शामिल हैं या फिर सर्वे से छूट चुके हैं तो भी योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं। सभी को नगर पालिका व नगर पंचायतों में जाकर आवेदन करना होगा, जिसके बाद योजना का लाभ मिलेगा। विभिन्न बैंकों के माध्यम से ऋण दिलवाया जाएगा।

उन्होंने बताया कि योजना के तहत स्ट्रीट वेंडरों को 10 हजार रुपये तक प्रारंभिक स्तर पर पूंजीकृत कर्ज मिलेगा। कर्ज को एक साल में 12 मासिक किस्तों में जमा करना होगा। ऋण के लिए गारंटी की जरूरत नहीं। सात प्रतिशत सब्सिडी मिलेगी। डिजिटल लेनदेन पर 50 से 100 रुपये तक मासिक प्रोत्साहन राशि मिलेगी। समय से ऋण की अदायगी करने पर आगे भी ऋण मिलेगा। अभी तक हापुड़ से 152, पिलखुवा से 21, बाबूगढ़ से 37 और गढ़ से 85 वेंडरों ने आवेदन किया है। जिन्हें ऋण दिलाने की कवायद शुरू कर दी है।

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