घरों में रहकर ही मनाएंगे तीज और रक्षा बंधन का पर्व
सावन मास में हरियाली तीज पर झूले का विशेष महत्व का है। अब झूलों का चलन पहले की अपेक्षा कम हो गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में ही झूले कम देखने को मिलते हैं। कोरोना वायरस की वजह से हरियाली तीज पर रौनक नजर नहीं आ रही है वहीं रक्षा बंधन को लेकर महिलाओं ने भी इस बार मायके नहीं जाने का मन बना लिया है।
संवाद सहयोगी गढ़मुक्तेश्वर:
सावन मास में हरियाली तीज पर झूले का विशेष महत्व है। अब झूलों का चलन पहले की अपेक्षा कम हो गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में भी झूले कम ही देखने को मिलते हैं। कोरोना वायरस की वजह से हरियाली तीज पर रौनक नजर नहीं आ रही है। वहीं, रक्षा बंधन को लेकर महिलाओं ने भी इस बार मायके नहीं जाने का मन बना लिया है।
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क्या कहतीं हैं बहनें
इस बार भाई को राखी डाक के माध्यम से भेजी जाएगी। सभी त्योहार घर पर रहकर ही मनाएंगे। बीमारी से खुद का बचाव ही समाधान है। ऐसे में घर पर रहना ही समझदारी है। -डॉ. ममता सिद्धू
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भाई की लम्बी उम्र के लिए घर पर पूजा करूंगी। राखी को अन्य साधनों के माध्यम से भाई तक पहुंचाया जाएगा। सामूहिक रूप से हरियाली तीज का त्योहार नहीं मनाया जायेगा। -राखी गौड़ ग्राम प्रधान बक्सर
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झूला झूलने का बड़ा मन होता है, लेकिन इस बार कोरोना वायरस संक्रमण व परिवार की सुरक्षा की दृष्टि से घर से बाहर नहीं निकलना है। सभी त्योहार घर पर ही मनाएंगे। -सविता गोस्वामी