स्वामित्व योजना को लेकर बढ़े कदम, ड्रोन से किया जाएगा सर्वे
जागरण संवाददाता हापुड़ प्रधानमंत्री की अति महत्वाकांक्षी स्वामित्व योजना को लेकर प्रशासन ने ते
जागरण संवाददाता, हापुड़
प्रधानमंत्री की अति महत्वाकांक्षी स्वामित्व योजना को लेकर प्रशासन ने तेजी से कदम बढ़ा दिए हैं। योजना के तहत जिन ग्रामीणों की जमीन या मकान का कोई रिकॉर्ड नहीं है, उनके लिए खतौनी की तरह घरौनी बनाई जाएगी। जिले के 289 गांवों में सर्वेक्षण कार्य किया जाना है। पहले चरण में सर्वेक्षण के लिए पायलट प्रोजेक्ट के तहत जिले के 10 गांवों का चयन किया गया है। इनमें जल्द ही ड्रोन की मदद से सर्वेक्षण कार्य शुरू किया जाएगा।
गांवों में अक्सर संपत्ति विवाद, जमीन, खेत को लेकर झगड़े सामने आते हैं। अधिकांशत: ग्रामीणों के पास संपत्ति को लेकर कोई रिकॉर्ड नहीं हैं। संपत्ति पर मालिकाना हक दिलाने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री द्वारा पंचायती राज दिवस के अवसर स्वामित्व योजना की शुरुआत की गई थी। इसके तहत जनपद के 289 गांवों में सर्वेक्षण का कार्य किया जाना है। पहले चरण में पायलट प्रोजेक्ट के तहत हापुड़ तहसील के 10 गांवों को चिह्नित किया गया है। इनमें गांव इमटौरी, सादकपुर, नवादा, सलाई, हाफिजपुर उबारपुर, मंसूरपुर, सुल्तानपुर, ततारपुर, फिरोजाबाद/सीतादेयी और सिमरौली हैं। इन गांवों में देहरादून की टीम ने राजस्व टीमों के साथ सर्वे शुरू करेगी। खेतों पर ड्रोन के माध्यम से संपत्ति का सर्वे किया जाएगा। सर्वेक्षण कार्य के बाद ग्रामीणों को सरकार की ओर से खतौनी की तर्ज पर घरौनी बनेगी। आबादी की जमीनों की नकल जारी की जाएगी। अब संपत्ति दिखाकर ले सकेंगे कर्ज
अपर जिलाधिकारी जयनाथ यादव ने बताया कि ग्रामीण इलाकों में लोगों के पास अपनी जमीन पर घर या दुकानें तो हैं, लेकिन जटिल नियमों के चलते वह इन पर कर्ज नहीं ले सकते हैं। जमीन या मालिकाना हक साबित करने के लिए कोई रिकॉर्ड नहीं है। स्वामित्व योजना का मकसद ग्रामीण इलाकों की जमीन का मालिकाना हक तय करना और उसका रिकॉर्ड बनाना है। योजना से ग्राम समाज के काम ऑनलाइन हो जाएंगे और लोग अपनी संपत्ति का पूरा ब्योरा ऑनलाइन देख सकेंगे। इसके लिए ई ग्राम स्वराज पोर्टल पर जमीन का ब्योरा मुहैया कराया जाएगा। सर्वे के बाद खतौनी की तरह ही उनकी घरौनी बनाई जाएगी। ई-पोर्टल से ग्रामीण अपनी जमीन के मालिकाना हक का सर्टिफिकेट भी ले सकेंगे। स्वामित्व का प्रमाणपत्र मिलने के बाद गांव के लोग भी बैंकों से लोन भी ले सकेंगे। पहली बार ग्रामीण आबादी की संपत्ति का सर्वे कर अभिलेखीकरण किया जा रहा है। ---------