Somvati Amavasya 2020: महामारी पर आस्था भारी, सोमवती अमावस्या पर लाखों ने लगाई डुबकी
Somvati Amavasya 2020 पंडित मुनेंद्र शास्त्री ने बताया कि पौराणिक कथा के अनुसार सोमवती अमावस्या पर मां गंगा का स्नान व भगवान शिव का अभिषेक करने से समस्त इच्छाएं पूर्ण होती हैं। शिवलिंग पूजन व प्रकृति पूजा करने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है।
ब्रजघाट (हापुड़) [राम मोहन शर्मा]। Somvati Amavasya 2020: साल की अंतिम सोमवती अमावस्या पर ब्रजघाट में सुबह से ही श्रद्धालुओं ने गंगा में आस्था की डुबकी लगाई। श्रद्धालुओं को रोकने के लिए लगी पुलिस को चकमा देकर लोग गंगा में स्नान करने के लिए पहुंच गए। घाट पर श्रद्धालुओं ने स्नान, ध्यान के साथ हर-हर गंगे के जयघोष से आकाश गुंजायमान हो गया।
कोरोना महामारी के चलते गंगा स्नान पर रोक लगी हुई है। लेकिन, सोमवार को सोमवती अमावस्या का विशेष संयोग बना होने के चलते ब्रजघाट पर सुबह चार बजे से ही श्रद्धालुओं ने मां गंगा में आस्था की डुबकी लगाई। स्नान करके घाटों पर बने मंदिरों में पूजन किया। आस्था का ऐसा ही नजारा गंगा ग्राम घोषित गांव पूठ स्थित गंगा घाट पर भी देखने को मिला। यहां कोरोना के भय को दरकिनार कर गंगा में आस्था की डुबकी लगाने के लिए श्रद्धालु पहुंचते रहे।
श्रद्धालुओं ने स्नान कर पूजन किया
घाटों पर बढ़ती संख्या से पुलिस प्रशासन बेखबर रहा। बाद में सुबह आठ बजे कुछ पुलिसकर्मी सख्ती दिखाते नजर आए। ब्रजघाट में सुबह नौ बजे तक एक लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने स्नान कर पूजन किया। उपजिलाधिकारी विजयवर्धन तोमर का कहना है कि महामारी के चलते गंगा स्नान पर रोक लगाई गई है। कुछ लोग गंगा स्नान को पहुंचे थे, जिन्हें लौटा दिया गया। सिर्फ अस्थि विसर्जन को आए श्रद्धालुओं को जाने दिया।
सोमवती अमावस्या का महत्व
पंडित मुनेंद्र शास्त्री ने बताया कि पौराणिक कथा के अनुसार सोमवती अमावस्या पर मां गंगा का स्नान व भगवान शिव का अभिषेक करने से समस्त इच्छाएं पूर्ण होती हैं। शिवलिंग पूजन व प्रकृति पूजा करने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है। इस दिन पितरों की शांति के लिए दान व स्नान करना शुभ माना जाता है। भगवान शिव के चित्र या शिवलिंग पर बेल पत्र चढ़ाने से जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं।