फसलों के लिए संजीवनी बनी है बारिश

वण मास शुरु होने के बाद से आसमान में बादल छाए हुए है। मंगलवार को हुई बारिश से किसानों के चेहरे पर मुस्कान आ गई है। धान की रोपाई में तेजी आई है। वन महोत्सव में क्षेत्रभर में लगाए गए पौधों के लिए भी यह बारिश संजीवनी साबित हुई है। कहीं रिमझिम तो कहीं पर झमाझम बारिश से तापमान में भी गिरावट आई है जिससे मौसम खुशग

By JagranEdited By: Publish:Wed, 08 Jul 2020 06:15 PM (IST) Updated:Wed, 08 Jul 2020 06:15 PM (IST)
फसलों के लिए संजीवनी बनी है बारिश
फसलों के लिए संजीवनी बनी है बारिश

संवाद सहयोगी गढ़मुक्तेश्वर:

श्रावण मास शुरू होने के बाद से आसमान में बादल छाए हुए हैं। मंगलवार को हुई बारिश से किसानों के चेहरे पर मुस्कान आ गई है। धान की रोपाई में तेजी आई है। वन महोत्सव में क्षेत्रभर में लगाए गए पौधों के लिए भी यह बारिश संजीवनी साबित हुई है, कहीं रिमझिम तो कहीं पर झमाझम बारिश से तापमान में भी गिरावट आई है, जिससे मौसम खुशगवार हो गया है, जबकि बुधवार को भी आसमान में बादल छाए रहे, जिससे लोगों को गर्मी से निजात मिल सकी।

किसान दानिश, मदहत अली, चंद्रपाल, उमेश, बृहमानंद गौतम, सुनील कुमार ने बताया कि यह बारिश धान की फसल के काफी मुफीद है। रोपाई के लिए तैयार धान की पौध की रोपाई में तेजी आ गई है। इसके साथ ही मक्का और गन्ने को भी फायदा हुआ है। गन्ने की फसल में तो अभी पानी नहीं लग रहा था, लेकिन मक्के की फसल की सिचाई करनी पड़ रही थी। उन्होंने बताया कि धान की पौध तैयार थी, लेकिन बारिश न होने से रोपाई नहीं हो पा रही थी। बिजली पर्याप्त नहीं मिलने से सिचाई में दिक्कत आ रही थी, क्योंकि डीजल का दाम 82 रुपये लीटर तक पहुंच गया है।

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