रिलायंस एनर्जी के लिए अधिग्रहित भूमि को लेकर गरमाई राजनीति

संवाद सहयोगी पिलखुवा रिलायंस पावर परियोजना के लिए अधिग्रहित की गई सात गांवों की जमीन को

By JagranEdited By: Publish:Thu, 24 Sep 2020 07:53 PM (IST) Updated:Thu, 24 Sep 2020 07:53 PM (IST)
रिलायंस एनर्जी के लिए अधिग्रहित भूमि को लेकर गरमाई राजनीति
रिलायंस एनर्जी के लिए अधिग्रहित भूमि को लेकर गरमाई राजनीति

संवाद सहयोगी, पिलखुवा:

रिलायंस पावर परियोजना के लिए अधिग्रहित की गई सात गांवों की जमीन को लेकर क्षेत्र की राजनीति गरमा गई है। बृहस्पतिवार को केंद्रीय सड़क परिवहन राज्यमंत्री एवं सांसद जनरल वीके सिंह के अपर निजी सचिव ने एक नेता पर किसानों को गुमराह करने का आरोप लगाया है। अपर निजी सचिव एमएल सेठी का कहना है कि मामला वर्ष 2017 में मुख्यमंत्री के संज्ञान में सांसद वीके सिंह द्वारा लाया गया था, जिसपर जिला प्रशासन और सरकार के मध्य लगातार पत्राचार चल रहा है। वर्ष 2019 में संसदीय चुनाव से पहले यह आश्वासन मिला था रिलायंस के साथ उत्तर प्रदेश सरकार की बातचीत चल रही है। रिलायंस की ब्याज मांगने की डिमांड पर मामला अटका हुआ है। यहीं स्थिति अभी तक बरकरार है।

अपर निजी सचिव का कहना है कि क्षेत्र के एक नेता द्वारा पिछले दिनों मामले में मुख्यमंत्री से मिलने की बात कहकर किसानों को गुमराह किया जा रहा है। आखिर यह नेता किस मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री से बातचीत करने का आश्वासन दे रहे हैं। अपर निजी सचिव ने प्रभावित किसानों से आह्वान किया है कि वह किसी नेता के बहकावे में आकर गुमराह न हो जल्द ही समस्या का समाधान निकाला जाएगा। किन्ही कानूनी अड़चनों के कारण मामले का समाधान रुका हुआ है।

बता दें कि रिलायंस पावर परियोजना के चलते धौलाना के सात गांवों की लगभग 25 एकड़ भूमि का वर्ष 2003-04 में अधिग्रहण किया गया था, लेकिन कारणों से योजना परवान नहीं चढ़ सकी थी, तभी से किसान अधिग्रहित भूमि को वापस अपने नाम कराने की मांग करते आ रहे हैं। लंबे समय से ठंडे बस्ते में पड़ा मामला एक बार फिर सुर्खियों में है।

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