--सरकारी स्तर से धान की खरीद नहीं हो रही
संवाद सहयोगी गढ़मुक्तेश्वर सरकारी स्तर से खरीद न होने पर किसानों को औने पौने दाम में धान
संवाद सहयोगी, गढ़मुक्तेश्वर सरकारी स्तर से खरीद न होने पर किसानों को औने पौने दाम में धान बेचने को मजबूर होना पड़ रहा है, जिसकी शिकायत पर पहुंचे क्षेत्रीय विधायक ने एसएमआइ को फटकार लगाई। मुख्यमंत्री के निजी सचिव से मौके पर ही वार्ता कर कार्रवाई की मांग की। किसानों को राहत पहुंचाने के उद्देश्य से प्रदेश शासन ने गेहूं की तर्ज पर धान की खरीद कराने को सरकारी स्तर से क्रय केंद्र खुलवाए हुए हैं, परंतु गढ़ में यह व्यवस्था महज औपचारिकता साबित हो रही है, जिसके कारण औने पौने दाम में धान बेचने को मजबूर हो रहे किसानों को मुनाफा मिलना तो दूर बल्कि उनकी लागत तक वापिस नहीं लौट पा रही है। सरकारी स्तर से धान की खरीद न होने के संबंध में भाजपा नेता रामवीर पावटी द्वारा की गई शिकायत के आधार पर क्षेत्रीय भाजपा विधायक कमल मलिक बुधवार सुबह एसडीएम विजय वर्धन तोमर के साथ हाईवे किनारे स्थित कृषि उप मंडी समिति में पहुंच गए, जिन्होंने सरकारी क्रय केंद्र पर धान की खरीद न होती देख वहां मौजूद सीनियर मार्केटिग इंस्पेक्टर(एसएमआइ) को जमकर फटकार लगाई। विधायक ने कहा कि एसएमआइ की मनमानी और गलत कार्यप्रणाली से धान की खरीद न होने पर उचित दाम न मिलने से किसानों में सरकार के प्रति गलत भावना उत्पन्न हो रही है। विधायक ने बेहद तल्ख लहजे में कहा कि किसानों की धान सरकारी स्तर से खरीदने को अविलंब ठोस व्यवस्था कराई जाए, ताकि उन्हें वाजिब दाम मिल सके। इस दौरान विधायक ने मौके पर ही मुख्यमंत्री के निजी सचिव से मोबाइल पर वार्ता कर सरकारी स्तर से धान की खरीद न होने के लिए एसएमआई को जिम्मेदारी बताकर उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई कराए जाने की मांग भी की। सिभावली गन्ना समिति के पूर्व चेयरमैन संजीव त्यागी, दिनेश गर्ग, रामपाल, विनोद, राजदीप सहरावत समेत कई कार्यकर्ता मौजूद रहे। एसएमआइ संजय कुमार ने बताया कि इस बार 250 क्विटल धान खरीद का लक्ष्य मिला था, जिसे पूरा करते हुए अब तक 260 क्विटल की खरीद कर ली गई है और आगे भी खरीद का क्रम जारी चल रहा है। इसलिए स्थानीय स्तर पर धान की खरीद में कोई भी लापरवाही नहीं हो रही है।