डेयरी संचालकों पर कार्रवाई में फिसड्डी है नगर पालिका

जागरण संवाददाता हापुड़ शहर में गंदगी फैला रहीं डेयरियों पर कार्रवाई के नाम पर म

By JagranEdited By: Publish:Thu, 24 Sep 2020 08:39 PM (IST) Updated:Thu, 24 Sep 2020 08:39 PM (IST)
डेयरी संचालकों पर कार्रवाई में फिसड्डी है नगर पालिका
डेयरी संचालकों पर कार्रवाई में फिसड्डी है नगर पालिका

जागरण संवाददाता, हापुड़ :

शहर में गंदगी फैला रहीं डेयरियों पर कार्रवाई के नाम पर मात्र लीपापोती नजर आ रही है। नगर पालिका के अधिकारी मात्र नोटिस भेजने की कार्रवाई तक ही सीमित नजर आ रहे हैं, क्योंकि आज तक शहर से एक भी डेयरी बाहर नहीं गई है। एनजीटी के आदेशों के बावजूद कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति हो रही है। यहां तक कि भी डेयरी संचालकों को नोटिस देने के बाद भी उनसे जुर्माने की वसूली नहीं हो सकी है।

शहर में जगह-जगह डेयरियों का संचालन हो रहा है। सालों से इन डेयरियों का संचालन होने के कारण नाले और नालियों में पशुओं का गोबर बह रहा है, जिस कारण सफाई के समय में दिक्कत आती है। नालियों में गंदगी न बहे, इसके लिए कोई विशेष कार्य संचालकों द्वारा नहीं किया गया है। आए दिन आ रही दिक्कतों को देखते हुए साल भर पहले एनजीटी ने एक आदेश जारी किया था, जिसके अनुसार शहर से डेयरियों को बाहर करने के आदेश दिए गए थे, जिसके बाद नगर पालिका ने करीब 150 संचालकों को नोटिस जारी कर शहर से बाहर डेयरी स्थापित करने के निर्देश दिए थे। बावजूद इसके डेयरी संचालक शहर से बाहर नहीं गए। नगर पालिका ने इस ओर संचालकों को दोबारा नोटिस भेजकर जुर्माने की कार्रवाई की, लेकिन जुर्माना वसूला नहीं जा सका है।

एनजीटी के आदेशों के बावजूद नगर पालिका के अधिकारी लापरवाही बरत रहे हैं। एक बार फिर आठ डेयरी संचालकों को नोटिस जारी कर पूरे मामले में एनजीटी और प्रदूषण विभाग की कार्रवाई से बचने का प्रयास किया जा रहा है।

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लगाया गया था 20-20 हजार का जुर्माना -

डेयरी संचालकों पर 20-20 हजार का जुर्माना लगाया गया था, लेकिन जुर्माना वसूलने में बड़ी लापरवाही हुई है। यही कारण है कि डेयरी संचालकों में आज तक आदेशों को लेकर कोई खौफ नजर नहीं आ रहा है। इस कारण बड़ी संख्या में मोहल्लों में गंदगी फैली रहती है।

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यह कहते हैं अधिकारी -

नगर पालिका ने डेयरी संचालकों को नोटिस जारी किए हैं। साथ ही जुर्माने की कार्रवाई भी की जा रही है। शहर से हर कीमत पर डेयरी संचालकों को बाहर होना होगा। एनजीटी के आदेशों का पालन कराया जाएगा। - जितेंद्र कुमार आनंद, अधिशासी अधिकारी

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