किसानों के खेत पर आसमान से हो रही निगरानी

जागरण संवाददाता हापुड़ धान कटाई इस समय जोरों पर है। किसान धान की पराली को न जलाएं।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 16 Oct 2021 05:49 PM (IST) Updated:Sat, 16 Oct 2021 05:49 PM (IST)
किसानों के खेत पर आसमान से हो रही निगरानी
किसानों के खेत पर आसमान से हो रही निगरानी

जागरण संवाददाता, हापुड़ :

धान कटाई इस समय जोरों पर है। किसान धान की पराली को न जलाएं। इसके लिए राज्य स्तर पर आसमान में स्थापित सैटेलाइट से निगरानी की जा रही है। पराली जलाने वाले किसानों से जिला प्रशासन जुर्माना वसूल करेगा। प्रदूषण रोकने के लिए शासन स्तर से सख्ती बरती जा रही है। किसान पराली न जलाए, इसके लिए उन्हें कृषि विभाग जागरूक भी कर रहा है। उपकृषि निदेशक डा. वीबी द्विवेदी ने बताया कि प्रदूषण रोकने के लिए शासन द्वारा सख्ती बरती जा रही है। पराली जलाने वालों पर निगाह रखने के लिए सैटेलाइट की मदद ली जा रही है। कृषि विभाग के मुख्यालय से अमेरिकन मोडिस सैटेलाइट से जिला को जोड़ा गया है। इसे यूपी मोडिस भी कहते हैं। इसमें लगे सेंसर धुएं को डिटेक्ट करते हैं। अग्निजनित स्थानों की रोड मैपिग कर मैसेज के जरिए संबंधित जिलों की सूचना भेजी जाती है। इसके बाद जिलाधिकारी द्वारा गठित सेल कार्रवाई करती है। किसानों को पराली जलाने से रोकने और जलाने पर कार्रवाई के लिए जिले की सभी तहसील में समिति बनाई गई है। संबंधित एसडीएम के नेतृत्व में ये टीम बनाई गई है। इसमें सीओ और तहसीलदार और लेखपाल भी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि जनपद में वेस्ट-डी कंपोजर की दस हजार शीशियां और कैप्सूल उपलब्ध हैं, जो किसानों को निश्शुल्क उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इनसे फसल अवशेष शीघ्र ही सड़-गलकर खाद में बदल जाता है। जिससे पैदावार में पांच से 10 प्रतिशत तक की वृद्धि होती है। पराली जलाने से खेत की घटती है उर्वरा शक्ति

कृषि विज्ञान केंद्र के कृषि विज्ञानी डा. अशोक सिंह बताते हैं कि पराली जलाने से भूमि की उर्वरा शक्ति घटती है। भूमि में पाए जाने वाले कई मित्र कीट मर जाते हैं। वायु में सल्फर डाई आक्साइड, नाइट्रोजन आक्साइड व अन्य कण मिलकर बीमारियां फैलाते हैं। कार्बन मोनो आक्साइड की मात्रा बढ़ने से सड़क पर धुआं फैलता है, जिससे हादसे होने का डर बढ़ता है। यह है जुर्माने का प्राविधान

दोषी पाए जाने पर संबंधित किसान पर ढाई हेक्टेयर जमीन पर 2500 रुपये, पांच हेक्टेयर पर पांच रुपये और इससे अधिक रकबे पर 15 हजार रुपये के जुर्माने का प्राविधान है। तहसील स्तर पर टीमें गठित हो चुकी हैं। पराली जलाने पर कार्रवाई की जाएगी। किया जा रहा लोगों को जागरूक

उपकृषि निदेशक डा. वीबी द्विवेदी ने बताया कि फसल अवशेष न जलाने को लेकर किसानों को जागरूक किया जा रहा है। ब्लाक, तहसील, बीज भंडारों में होर्डिंग्स लगाई गई है। धान उत्पादक गांवों को चिह्नित कर इनमें पिछले वर्ष की तरह डीएम के निर्देश पर नोडल बनाए गए हैं। इसमें पुलिस भी साथ रहेगी। पिछले दो वर्षों में दर्ज हुए 25 मुकदमे

वर्ष 2019-20 में फसल अवशेष जलाने के 23 मुकदमे दर्ज हुए थे, जिनमें से चार मुकदमे अज्ञात में थे। यानि इन मुकदमों में आरोपित के नाम नहीं थे। जबकि ढाई-ढाई हजार के हिसाब से 14 लोगों पर 35 हजार रुपये का लगाया था, जिसमें से 30 हजार रुपये वसूला जा चुका है। वहीं वर्ष 2020-21 में सिर्फ दो मुकदमे दर्ज किए गए। इनमें से एक मुकदमा अज्ञात में दर्ज किया गया था। इस वर्ष 22 लोगों पर 55 हजार रुपये जुर्माना लगाया था, जिसमें से 35 हजार रुपये वसूला जा चुका है।

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