Hapur News: शरद पूर्णिमा पर 1 लाख से अधिक श्रद्धालुओं में लगाई आस्था की डूबकी

Hapur News शनिवार को शरद पूर्णिमा पर भी गंगानगरी ब्रजघाट के गंगा तट पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। एक लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने ब्रजघाट समेत खादर में लठीरा और पुष्पावती पूठ के कच्चे घाटों पर गंगास्नान करने के साथ ही पूजा-पाठ और अन्य धार्मिक कर्मकांड भी किए।

By JP YadavEdited By: Publish:Sat, 31 Oct 2020 08:13 PM (IST) Updated:Sat, 31 Oct 2020 08:13 PM (IST)
Hapur News: शरद पूर्णिमा पर 1 लाख से अधिक श्रद्धालुओं में लगाई आस्था की डूबकी
शरद पूर्णिमा पर गंगानगरी में स्नान करते श्रद्धालु।

हापुड़/ब्रजघाट [राम मोहन शर्मा]। शरद पूर्णिमा पर गंगानगरी में एक लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने स्नान किया, लेकिन पुलिस लापरवाह बनी रही। जिसके चलते वाहनों का दबाव बढ़ने से हाईवे पर सुबह से ही जाम की स्थिति बनी रही, जिससे राहगीरों को परेशानी झेलनी पड़ी। पुलिस-प्रशासन द्वारा हर बार गंगा में स्नान पर रोक के दावे किए जाते हैं, लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा है। शनिवार को शरद पूर्णिमा पर भी गंगानगरी ब्रजघाट के गंगा तट पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। एक लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने ब्रजघाट समेत खादर में लठीरा और पुष्पावती पूठ के कच्चे घाटों पर गंगास्नान करने के साथ ही पूजा-पाठ और अन्य धार्मिक कर्मकांड भी किए।

श्रद्धालुओं की भीड़ उमडने से मुख्य स्नानघाट समेत अन्य घाटों पर शारीरिक दूरी का भी पालन नहीं हो सका। गंगा सभा आरती समिति से जुड़े पदाधिकारी लाउडस्पीकर के माध्यम से लगातार श्रद्धालुओं को नियमों का पालन करने के लिए सचेत करते रहे, लेकिन भीड़ ने उनकी अपील पर भी कोई ध्यान नहीं दिया। वही हाईवे पर वाहनों का दबाव बढ़ने और श्रद्धालुओं के आगमन के चलते अल्लाबख्शपुर टोल से गंगा पुल तक करीब दो घंटों तक जाम की स्थिति बनी रही। जाम के झाम ने वाहनों की रफ्तार रोक दी। पुलिसकर्मियों ने कड़ी मशक्कत के बाद जाम की स्थिति पर काबू पाया।

शरद पूर्णिमा का क्या है महत्व

पंडित मुनेंद्र शास्त्री का कहना है कि शरद पूर्णिमा से शरद ऋतु का आगमन प्रारंभ हो जाता है। पूर्णिमा पर सभी निष्ठा के साथ गंगा मैया में डुबकी लगाने पर पापों से मुक्त होकर मनोवांछित फल प्राप्त करते हैं।इस पावन अवसर पर गरीब-निराश्रितों को भोजन-वस्त्र का दान करने का विशेष महत्व है। शरद पूर्णिमा के उपलक्ष्य में चोलों की खीर बनाई जाती है, जिसे रातभर चांद की रोशनी में रखा जाता है। सुबह होने पर खीर को वितरित किया जाता है। जिसके सेवन से श्वांस रोग समेत कई बीमारियों से छुटकारा मिलने की मान्यता प्रचलित है। पुरोहितों ने बताया कि शरद पूर्णिमा की रात को चांद की रोशनी में रखे जाने वाली चोलों की खीर के सेवन से कई असाध्य रोगों से मुक्ति मिलने की मान्यता प्रचलित है।

वहीं, एसडीएम विजयवर्धन तोमर का कहना है कि गंगा स्नान न होने देने के लिए सख्त निर्देश दिए गए थे। जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी।

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