प्रोत्साहन से सुधरेगी लघु व कुटीर उद्योग की सेहत

लॉकडाउन में जहां बड़े-बड़े कारखानों की मशीनों के पहिए थम गए वहीं उद्योग संचालन की अनुमति के बाद भी मशीनों का पहिया नहीं घूम पाया है। हजारों की संख्या में प्रवासी कामगार अन्य जिलों व राज्यों से यहां लौटे हैं। ऐसे में सरकार द्वारा जिला उद्योग केंद्र के माध्यम से लघु व कुटीर उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न योजनाओं में ऋण व प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 02 Jul 2020 09:09 PM (IST) Updated:Thu, 02 Jul 2020 09:09 PM (IST)
प्रोत्साहन से सुधरेगी लघु व कुटीर उद्योग की सेहत
प्रोत्साहन से सुधरेगी लघु व कुटीर उद्योग की सेहत

गौरव भारद्वाज, हापुड़

लॉकडाउन में जहां बड़े-बड़े कारखानों की मशीनों के पहिए थम गए, वहीं उद्योग संचालन की अनुमति के बाद भी मशीनों का पहिया नहीं घूम पाया है। हजारों की संख्या में प्रवासी कामगार अन्य जिलों व राज्यों से यहां लौटे हैं। ऐसे में सरकार द्वारा जिला उद्योग केंद्र के माध्यम से लघु व कुटीर उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न योजनाओं में ऋण व प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

लॉकडाउन में यहां उद्योगों में काम करने वाले श्रमिक भी फैक्ट्रियां बंद होने के चलते अपने घरों की ओर रुख कर गए और बाहर का श्रमिक शीघ्र ही दोबारा शायद नहीं लौटेगा। अब जिला उद्योग केंद्र स्थानीय श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने के साथ ही अपने उद्योग स्थापित करने के लिए ऋण की सुविधा व प्रशिक्षण दे रहा है। इसके तहत विभाग द्वारा एक जनपद एक उत्पाद योजना में 10 दिन का प्रशिक्षण और विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना में छह दिन का प्रशिक्षण प्रदान करने के बाद कार्य से संबंधित टूलकिट भी निश्शुल्क वितरण की जानी है। वहीं विभाग द्वारा अभी तक चार आवेदकों को विभिन्न योजनाओं के तहत अपने उद्योग स्थापित करने के लिए 30 लाख रुपये का ऋण उपलब्ध कराया जा चुका है। इसके अलावा विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के तहत 250 लोगों को, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत 2350 को और स्टैंड अप योजना के तहत 180 लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा।

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विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना में ट्रेड

टोकरी बुनकर, कुंभकार, लौहार, राजमिस्त्री, दर्ज, बढ़ई, नाई, मोची व सुनार आदि ट्रेडों में 250 लाभार्थियों को रोजगार उपलब्ध कराने का लक्ष्य है।

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क्या कहते हैं अधिकारी

रोजगार उपलब्ध कराने के लिए विभाग लघु व कुटीर उद्योगों की स्थापना के लिए लोगों को ऋण व प्रशिक्षण प्रदान कराने के साथ ही उन्हें रोजगार संबंधित टूलकिट भी उपलब्ध करा रहा है। जिससे कई बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध होगा।

पंकज निर्वाण, सहायक आयुक्त उद्योग

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आवेदकों में दिखा उत्साह

योजना का नाम लक्ष्य(रु. लाख) आवेदन बैंक स्वीकृत

प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम 75 40 10

मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना 67.90 32 06

एक जनपद एक उत्पाद योजना 100 11 01

नोट- यह आंकड़े 27 जून तक के हैं।

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