तमंचा बनाने की फैक्ट्री का पर्दाफाश, पुलिस ने आरोपित को किया गिरफ्तार

पुलिस अधीक्षक दीपक भूकर के मुताबिक मुखबिर की सूचना पर सपनावत नहर पटरी से ग्राम बझैड़ा कला निवासी फरमान को गिरफ्तार किया गया। आरोपित के कब्जे से एक तमंचा बरामद हुआ। यह तमंचा आरोपित जनपद बुलंदशहर में बेचने जा रहा था।

By Prateek KumarEdited By: Publish:Fri, 12 Nov 2021 03:51 PM (IST) Updated:Fri, 12 Nov 2021 03:53 PM (IST)
तमंचा बनाने की फैक्ट्री का पर्दाफाश, पुलिस ने आरोपित को किया गिरफ्तार
आरोपित पांच साल पहले भी 10 तमंचाें के साथ गिरफ्तार हुआ था।

धौलाना [राहुल गहलौत]। पुलिस ने सपनावत नहर पटरी से एक आरोपित को तमंचे के साथ गिरफ्तार करने के बाद तमंचा बनाने की फैक्ट्री का पर्दाफाश किया है। फैक्ट्री से दस तमंचे, कारतूस और तमंचा बनाने के उपकरण बरामद हुए हैं। आरोपित द्वारा हापुड़ सहित आसपास के जनपदों में तमंचों की सप्लाई की जाती थी। आरोपित पांच साल पहले भी 10 तमंचाें के साथ गिरफ्तार हुआ था।

कब्जे से तमंचा बरामद

पुलिस अधीक्षक दीपक भूकर के मुताबिक बृहस्पतिवार की रात मुखबिर की सूचना पर सपनावत नहर पटरी से ग्राम बझैड़ा कला निवासी फरमान को गिरफ्तार किया गया। आरोपित के कब्जे से एक तमंचा बरामद हुआ। यह तमंचा आरोपित जनपद बुलंदशहर में बेचने जा रहा था। आरोपित से गहनता से पूछताछ की गई तो बड़ा पर्दाफाश हुआ। आरोपित फरमान गांव में स्थित अपने मकान में तमंचा बनाने की फैक्ट्री संचालित था। पुलिस ने आरोपित की निशानदेही पर मकान पर छापा मारा। मकान से दस तैयार तमंचे बरामद हुए। दो अधबने तमंचों के साथ 12 बोर की नाल, हथौड़ा, पांच किलो की बांट, लोहे की पत्तियां, आरी, रेती, संडासी, ड्रिल मशीन मिली। आरोपित ने बताया कि वह तमंचे तैयार करने के बाद हापुड़, गाजियाबाद, नोएडा, बुलंदशहर, मेरठ आदि जनपदों में अपराधिक दुनिया में शामिल लोगों को बेचता करता था। इसके अलावा आर्डर पर भी तमंचे तैयार करता था। जांच करने पर पता चला कि आरोपित वर्ष 2017 में भी 11 तमंचों के साथ पुलिस ने गिरफ्तार किया था।

5000 से 7000 में बेचता था एक तमंचा

आरोपित फरमान 5000 से 7000 रुपये का एक तमंचा बेचता था। तमंचा तैयार करने के बाद उसकी डिलीवरी भी अपने हाथों करता था। आधी रकम तमंचा तैयार करने पहले ले लिया करता था और आधी डिलीवरी के बाद लिया करता था। आरोपित को खुद ध्यान नहीं है कि वह अब तक कितने हजारों तमंचे बनाकर बेच चुका हैं।

पुलिस की नाक के नीचे चल रही थी फैक्ट्री

बेशक थाना प्रभारी निरीक्षक संजय पांडेय के नेतृत्व में तमंचा बनाने वाली फैक्ट्री का पर्दाफाश हो गया है। लेकिन, सवाल यह उठता है कि विगत पांच सालों में पुलिस को क्या इस फैक्ट्री की भनक तक नहीं लगी। जबकि वर्ष 2017 में 10 तमंचों के साथ आरोपित गिरफ्तार हुआ था और कुछ दिन बाद ही जमानत पर जेल से आ गया था। आरोपित के खिलाफ लगभग 11 अपराधिक मामले में थाने में दर्ज हैं। समय-समय पर महकमे के उच्चाधिकारियों के निर्देशानुसार पुलिस अपराधियों की कुंडली खंगालने और उनका सत्यापन करती हैं। ऐसे में क्या मौत का सामान बनाने वाले इस आरोपित का सत्यापन नहीं किया गया था। आरोपित की वर्तमान गतिविधि को क्या पुलिस दफ्तर में बैठे-बैठे ही कागजों में सत्यापित करती रहीं। विगत पांच साल में ना-जाने इस आरोपित द्वारा कितने लोगों के हाथों में तमंचे थमा दिए गए होंगे।

chat bot
आपका साथी