हाईटेक हुआ जमाना. ऑनलाइन को मिला बढ़ावा, कैश काउंटर हुए सूने
कोरोना संकट काल में बहुत कुछ बदला है। बीमारी से जूझते हुए जमाना हाइटेक भी हुआ है। नई तकनीकियों को लगातार लोग अपना रहे हैं। जिनमें बिजली का बिल ऑनलाइन जमा करने की सुविधा का बड़ी संख्या में लोग लाभ उठा रहे हैं। ऑनलाइन बिल जमा होने के चलते आजकल ऊर्जा निगम के दफ्तर में स्थित कैशलेन काउंटर खाली रहने लगे हैं। काउंटर पर मौजूद रहने वाले अधिकारी राहत महसूस कर रहे हैं।
संजीव वर्मा, हापुड़:
कोरोना संकट काल में बहुत कुछ बदला है। बीमारी से जूझते हुए जमाना हाईटेक भी हुआ है। तकनीकि को लगातार लोग अपना रहे हैं, जिनमें बिजली का बिल ऑनलाइन जमा करने की सुविधा का बड़ी संख्या में लोग लाभ उठा रहे हैं। ऑनलाइन बिल जमा होने के चलते आजकल ऊर्जा निगम के दफ्तर में स्थित कैशलेन काउंटर खाली रहने लगे हैं। काउंटर पर मौजूद रहने वाले अधिकारी राहत महसूस कर रहे हैं।
भारत सरकार पिछले लंबे समय से डिजिटल इंडिया के प्रति लोगों को जागरूक करती आ रही है। कोरोना संकट काल में डिजिटल इंडिया को बढ़ावा मिला है। जानकार लोग मोबाइल फोन रिचार्ज से लेकर हवाई जहाज के टिकट पहले से ऑनलाइन कर रहे थे, लेकिन बिजली बिल का बड़ी संख्या में उपभोक्ता कैश काउंटर पर पहुंचकर जमा करते थे। पहले लंबी-लंबी कतार देखने को मिलती थीं। ग्रामीण क्षेत्र के उपभोक्ता लंबी लाइन होने के कारण घर से खाना तक पैक करके लाते थे। गर्मी, बरसात, सर्दी में लंबी लाइनों के कारण उपभोक्ताओं को परेशानी का सामना करना पड़ता था। कोरोना काल में लोगों को लंबी कतार से निजात मिली हैं। दरअसल, शहरी उपभोक्ता बड़ी संख्या में ऑनलाइन बिजली बिल जमा कर रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्र के लोग भी ऑनलाइन लेनदेन प्रणाली के प्रति जागरूक हुए है और वह भी बदलते जमाने के साथ कदमताल मिला रहे हैं। ऑनलाइन बिजली बिल जमा कर ग्रामीणों ने इस तकनीकी को अपनाया है।
ऊर्जा निगम हापुड़ के अधिशासी अभियंता मनोज कुमार ने बताया कि कोरोना संकट काल से पहले सुबह छह बजे से बिजली बिल जमा करने वालों की कैश काउंटर पर लाइन लग जाती थी। कई बार दो से तीन लोग कैश काउंटर पर बैठाने पड़ते थे। बिल संबंधित चेक जमा करने वाले काउंटर पर भी बुरा हाल देखने को मिलता था, लेकिन वर्तमान में कैश काउंटर पर नामात्र को उपभोक्ता आते हैं। 70 फीसद उपभोक्ता ऑनलाइन बिजली बिल जमा कर रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्र में अभी ऑनलाइन बिल जमा करने को लेकर जागरुकता में कमी है। ग्रामीण उपभोक्ताओं को भी ऑनलाइन बिल जमा करने के लिए लगातार अभियान चलाकर जागरूक किया जा रहा है।