कचरे से आजादी - प्रकृति के प्रेमी ने कबाड़ को बनाया अनमोल

जागरण संवाददाता हापुड़ हर कोई आज कचरे से मुक्ति चाहता है लेकिन समाधान को लेकर हर

By JagranEdited By: Publish:Thu, 13 Aug 2020 07:13 PM (IST) Updated:Thu, 13 Aug 2020 07:13 PM (IST)
कचरे से आजादी - प्रकृति के प्रेमी ने कबाड़ को बनाया अनमोल
कचरे से आजादी - प्रकृति के प्रेमी ने कबाड़ को बनाया अनमोल

जागरण संवाददाता, हापुड़ :हर कोई आज कचरे से मुक्ति चाहता है, लेकिन समाधान को लेकर हर कोई जागरूक नहीं है। सरकार भी कचरे के जरिये बिजली और जैविक खाद बनाने पर जोर दे रही है, जिससे कि कचरे से मुक्ति पा सकें और पर्यावरण शुद्ध हो सके। घरों से निकलने वाले कचरे के सदुपयोग का बड़ा उदाहरण आज ऊर्जा निगम के अधिशासी अभियंता प्रवीन सागर भी दे रहे हैं। वह कचरे में आर्ट का प्रयोग कर अपने घर को सजाने का कार्य कर रहे हैं।

बढ़ते प्रदूषण को रोकने की जिम्मेदारी जितनी सरकार की है, उतनी ही देश के प्रत्येक नागरिक की भी है। बेशक सरकारें स्वच्छता और जागरूकता अभियान चला रही हैं, लेकिन इसका बीड़ा तो आम जन को ही उठाना होगा। विशेषकर, सिगल यूज प्लास्टिक का उपयोग आज भी जारी है। ये आने वाले समय में बड़ा खतरा होगा, लेकिन घर और ऑफिस से निकलने वाली इस प्लास्टिक और कचरे का सदुपयोग किस प्रकार हम कर सकते हैं, इसका उदाहरण प्रवीन सागर से सीख सकते हैं।

नगर के कोठी गेट निवासी प्रवीन सागर वर्तमान में बुलंदशहर ऊर्जा निगम में अधिशासी अभियंता के पद पर तैनात हैं। प्रवीन बताते हैं कि उन्होंने घर में रखे पुराने टायर, किसी भी प्रकार की प्लास्टिक की बोतल, कांच के टूटे जार व गिलास, पुरानी रस्सी, पुराने व टूटे प्लास्टिक के पाइप, टूटी लकड़ी, पुरानी व टूटी बाल्टी, पुराने बैग व प्लास्टिक के कट्टें जिन्हें अक्सर लोग कबाड़ में फेंक देते हैं उसका इस्तेमाल करके घर में ही एक छोटा सा गार्डन बनाया हुआ है। इसमें उन्होंने स्वयं भी पेंटिग का इस्तेमाल किया हुआ है। इसके अलावा घरों से प्रतिदिन निकलने वाला कूड़ा शामिल है, जिसमें रद्दी, सब्जियों, और फलों के छिलके आदि को डिकम्पोस्ट करके खाद बनाते हैं, जिसका प्रयोग गार्डन के कार्य में किया जाता है। प्रवीन बताते हैं कि जिस दिन भी उनका अवकाश रहता है, वह सुबह से ही इस कार्य में जुट जाते हैं। इनका मानना है कि यदि आने वाली पीढ़ी को स्वस्थ देखना है तो प्रकृति से सभी को प्रेम करना शुरू कर देना चाहिए।

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- आर्ट गैलरी सा लगता है घर -

कचरे के जरिये इन्होंने घर को आर्ट गैलरी का रूप दिया हुआ है। जब कोई इनके घर में आता है तो वह अचंभित रह जाता है। कचरे के उपयोग को देखकर लोगों की आंखें खुली की खुली रह जाती हैं। पुराने टायर पर सुंदर और आकर्षक रंग करके उसमें एक पौधा लगाकर दीवार पर टांगा हुआ है। इसके अलावा दीवार पर पुरानी बोतलों पर रंग-बिरंगा रंग करके उनमें पौधे लगाकर रस्सियों से टांगा हुआ है। इसी प्रकार पुराने प्लास्टिक के डिब्बों में पौधे लगाकर पेंटिग करके सजाया हुआ है, जो बताता है कि कचरे का इससे अच्छा उपयोग नहीं हो सकता है। इसके अलावा भी अन्य सजावटी सामाग्री का इसका इस्तेमाल इन्होंने किया हुआ है।

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