पिलखुवा में वेस्ट टू एनर्जी प्लांट की चारदीवारी करने से रोका, गाजियाबाद निगम के अभियंता ने कराई रिपोर्ट दर्ज

गाजियाबाद निगम के अवर अभियंता योगेश कुमार द्वारा 50 से 60 अज्ञात लोगों के खिलाफ गंभीर धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। आरोप है कि 28 अक्टूबर को अवर अभियंता मजदूरों के साथ वेस्ट टू एनर्जी प्लांट के लिए चिह्न्ति जमीन की चारदीवारी कराने ग्राम गालंद में गए थे।

By Pradeep ChauhanEdited By: Publish:Tue, 02 Nov 2021 05:18 PM (IST) Updated:Tue, 02 Nov 2021 05:18 PM (IST)
पिलखुवा में वेस्ट टू एनर्जी प्लांट की चारदीवारी करने से रोका, गाजियाबाद निगम के अभियंता ने कराई रिपोर्ट दर्ज
वेस्ट टू एनर्जी प्लांट के लिए गाजियाबाद नगर निगम ने ग्राम गालंद में 44.25 एकड़ भूमि खरीदी थी। प्रतीकात्मक तस्वीर

हापुड़ /पिलखुवा [संजीव वर्मा] । गाजियाबाद नगर निगम के अवर अभियंता योगेश कुमार द्वारा 50 से 60 अज्ञात लोगों के खिलाफ गंभीर धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। आरोप है कि 28 अक्टूबर को अवर अभियंता मजदूरों के साथ वेस्ट टू एनर्जी प्लांट के लिए चिह्न्ति जमीन की चारदीवारी कराने ग्राम गालंद में गए थे। जहां मौजूद लोगों ने उनके साथ गाली-गलौज की। मारपीट करने का प्रयास किया गया। सरकारी कार्य को रोकते हुए जान से मारने की धमकी दी गई। पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर मामले में लोगों को चिह्न्ति करना शुरू कर दिया है। दूसरी ओर, धरनारत ग्रामीणों का कहना है कि उनका धरना शांतिपूर्ण तरीके से चल रहा है। गाली-गलौज, जान से मारने की धमकी देने का आरोप बेबुनियाद है। ग्रामीणों ने मामले का समाधान होने पर निर्माण कार्य नहीं करने संबंधित अनुरोध किया था।

बता दें कि वेस्ट टू एनर्जी प्लांट के लिए गाजियाबाद नगर निगम ने ग्राम गालंद में 44.25 एकड़ भूमि खरीदी थी। ग्रामीणों के प्लांट संबंधित विरोध के चलते कार्य शुरू नहीं हो सका है। विगत तीन अक्टूबर से गालंद सहित कई गांवों के ग्रामीण धरना दिए हुए हैं। जो मंगलवार को भी जारी रहा। केंद्रीय राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह एवं विधायक असलम चौधरी से लेकर अन्य नेताओं एवं प्रशासनिक अधिकारियों के समक्ष भी ग्रामीण प्लांट नहीं बनने की मांग को लेकर गुहार लगा चुके हैं।

पिछले दिनों जिलाधिकारी गाजियाबाद एवं हापुड़ और निगम के नगर आयुक्त महेंद्र सिंह तंवर ने बैठक कर ग्रामीणों से बातचीत की थी। जिसमें चिह्न्ति जमीन की चारदीवारी को लेकर लगभग सहमति बन गई थी, लेकिन दूसरे ही दिन ग्रामीणों ने चारदीवारी भी नहीं होने संबंधित एलान कर दिया था। 28 अक्टूबर को निगम के अधिकारी एवं मजदूर चिह्न्ति जमीन पर चार दीवारी का कार्य शुरू करने पहुंचे। जिसकी सूचना मिलते ही ग्रामीण मौके पर पहुंच गए थे। ग्रामीणों के विरोध के चलते उपजिलाधिकारी सुनीता सिंह एवं पुलिस क्षेत्राधिकारी डॉ. तेजवीर सिंह भी मौके पर पहुंचे थे और किसी तरह ग्रामीणों को समझा बुझाकर शांत कराया था।

मामले में पुलिस क्षेत्राधिकारी डॉ. तेजवीर सिंह का कहना है कि निगम के अवर अभियंता योगेश कुमार की तरफ से अज्ञात ग्रामीणों के खिलाफ गंभीर धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कराई है। जिसके आधार पर लोगों को चिह्न्ति किया जा रहा है। वहीं ग्राम गालंद के प्रधान संजय कोरी का कहना है कि अवर अभिंयता द्वारा मनगढ़त आरोप लगाए गए हैं। रिपोर्ट दर्ज कराकर निगम उनके आंदोलन को तोड़ने का प्रयास कर रहा है। वेस्ट टू एनर्जी प्लांट या डंपिंग ग्राउंड उनके स्वास्थ्य से जुड़ा है। इसीलिए किसी भी कीमत पर इसे स्थापित नहीं होने दिया जाएगा। रिपोर्ट दर्ज कर मामला गठित संघर्ष समिति के समक्ष रखा जाएगा। समिति के निर्णय के बाद ही आगामी कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल धरना जारी है और आठ नवंबर को होने वाली महापंचायत की तैयारी की जा रही हैं।

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