हापुड़ में नर्सिंग के छात्रों ने कालेज में किया हंगामा, फीस जमा नहीं करने पर आखिरी पेपर देने से रोकने का आरोप
पबला रोड स्थित जीएस मेडिकल कालेज में बैचलर आफ साइंस (नर्सिंग) के छात्रों ने मैनेजमेंट पर आगामी सत्र की फीस एडवांस में मांगने पर हंगामा किया। परीक्षा देने से रोकने पर नारेबाजी करते हुए छात्र कालेज के मुख्य गेट पर आ गए और धरना देकर बैठ गए।
हापुड़/ पिलखुवा [संजीव वर्मा]। पबला रोड स्थित जीएस मेडिकल कालेज में बैचलर आफ साइंस (नर्सिंग) के छात्रों ने मैनेजमेंट पर आगामी सत्र की फीस एडवांस में मांगने पर हंगामा किया। परीक्षा देने से रोकने पर नारेबाजी करते हुए छात्र कालेज के मुख्य गेट पर आ गए और धरना देकर बैठ गए। इसके चलते कालेज परिसर में स्थित अस्पताल में आने-जाने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। लगभग चार घंटे तक हंगामा चला।
बाद में मैनेजमेंट के अधिकारी ने सत्र शुरू होने पर फीस लेने का आश्वासन देकर मामला शांत कराया।नर्सिंग में लगभग सौ छात्र अध्ययनरत हैं। एक दिसंबर नर्सिंग की परीक्षा चल रही हैं। आरोप है कि परीक्षा शुरू होते ही कालेज मैनेजमेंट ने आगामी सत्र की फीस के लिए छात्रों पर दबाव बनना शुरू कर दिया था। जिसकी शिकायत दो दिसंबर को छात्रों ने हापुड़ पहुंचकर जिलाधिकारी से की। जिलाधिकारी के हस्तक्षेप के बाद मैनेजमेंट ने छात्रों की परीक्षा कराई। शनिवार को अंतिम पेपर था। आरोप है कि मैनेजमेंट ने फिर से आगामी सत्र की फीस के लिए दबाव बनाया और छात्रों को परीक्षा नहीं देने दी गई। इसके चलते छात्र भड़क गए और उन्होंने नारेबाजी शुरू कर दी। नारेबाजी करते हुए छात्रों ने कालेज के मुख्य गेट पर कब्जा कर लिया। बता दें कि इसी गेट से कालेज परिसर में स्थित अस्पताल में आवागमन हैं।
डिप्टी डायरेक्टर का कहना है कि आगामी सत्र की फीस एडवांस में मांगने का आरोप निराधार है। संस्थान ने नोटिस के माध्यम से छात्रों से विश्वविद्यालय के निर्देशानुसार 75 फीसदी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए कहा हैं। इसके लिए छात्रों से आगामी सत्र के लिए सौ रुपये के स्टाम्प पर लिखकर मांगा गया है। जो छात्र लिखकर देने के लिए तैयार नहीं है। उनका कहना है कि केवल छात्र परीक्षा देने के लिए आते हैं। क्लास में नहीं आते हैं। इसीलिए पहले ही कह दिया गया था जो छात्र स्टाम्प जमा करेगा वहीं अंतिम पेपर दे पाएगा। हालांकि बातचीत के बाद कुछ छात्रों ने स्टाम्प जमा कर दिया है। जिनकी परीक्षा कराई जा रही है। कुछ छात्र बाद में स्टाम्प देने की बात कहकर चले गए हैं। वार्षिक भविष्य को देखते हुए विश्वविद्यालय में बातचीत कर वंचित छात्रों की परीक्षा कराने का प्रयास किया जाएगा।