Hapur Neem River News: पर्यावरण प्रेमियों ने नदी में खोदाई का उठाया जिम्मा

पर्यावरण प्रेमियों ने दैनिक जागरण और नीर फाउंडेशन की पहल पर नदी में अपने खर्चे पर खोदाई का काम शुरू कर दिया है। इतना ही नहीं लोग स्वयं नदी के उद्गम स्थल पर आकर श्रमदान कर रहे हैं।

By Prateek KumarEdited By: Publish:Tue, 15 Jun 2021 01:02 PM (IST) Updated:Tue, 15 Jun 2021 01:44 PM (IST)
Hapur Neem River News: पर्यावरण प्रेमियों ने नदी में खोदाई का उठाया जिम्मा
बड़ी संख्या में लोग अपनी ओर से नदी किनारे पौधे लगाने की तैयारी कर रहे हैं।

हापुड़ [मनोज त्यागी]। नीम नदी से जुड़े लोगों को बस यही चिंता है कि बरसात से पहले नीम नदी को पुनर्जीवित करने की कवायद पूरी कर ली जाए। ताकि बरसात की एक भी बूंद जाया न जाए। लघु सिंचाई विभाग नीम नदी में खोदाई के काम में देरी कर रहा है। पर पर्यावरण प्रेमियों ने दैनिक जागरण और नीर फाउंडेशन की पहल पर नदी में अपने खर्चे पर खोदाई का काम शुरू कर दिया है। इतना ही नहीं लोग स्वयं नदी के उद्गम स्थल पर आकर श्रमदान कर रहे हैं। बड़ी संख्या में लोग अपनी ओर से नदी किनारे पौधे लगाने की तैयारी कर रहे हैं। श्रमदान की पहल को आगे बढ़ाते हुए बुलंदशहर के जिलाधिकारी भी आज (मंगलवार) को स्याना के गांव नयाबांस पास नीम नदी में अपनी प्रशासनिक टीम के साथ श्रमदान करेंगे।

एक कहावत है जहां चाह वहां राह, मतलब जब हम किसी लक्ष्य को पाने के लिए मन और लग्न से काम करते हैं तो उसके लिए राह बन ही जाती है। एेसा ही नीम नदी को पुनर्जीवित करने की दैनिक जागरण और नीर फाउंडेशन की पहल के साथ हुआ है। अब से करीब चार माह पहले दैनिक जागरण और नीर फाउंडेशन ने तय किया था कि हर हाल में नीम नदी को पुनर्जीवित करना है। इसके लिए उद्गम स्थल से लेकर नीम नदी के किनारे लगे गांवों में पंचायतों का आयोजन किया गया। स्कूल-कालेजों में छात्र-छात्राओं, साहित्यकार, चिकित्सक, अधिवक्ता, व्यापारी से लेकर आमजन नीम नदी से जुड़ता चला गया। मशहूर शायर मजरूह सुल्तानपुरी कि "मै अकेला ही चला था जानिब-ए-मंजिल मगर लोग साथ आते गए और कारवां बनता गया"।

नीम नदी से शुरुआती दौर से जुड़े पर्यावरण प्रेमी राजीव त्यागी ने नदी में खोदाई मशीन से एक दिन का खर्चा वहन किया और कहा कि यदि प्रशासन खोदाई के काम को आगे नहीं बढ़ाता है, तो वह आगे भी इसमें सहयोग करेंगे। इसी तरह से गांव रसूलपुर के पूर्व प्रधान और पर्यावरण पर लगातार काम करने वाले कर्मवीर सिंह ने दो दिन का खर्चा उठाने का जिम्मा लिया। वहीं ग्राम प्रधान रजनीश त्यागी ने पांच दिन मशीन से खोदाई के काम का जिम्मा उठाया है। वहीं गांव दत्तियाना के रहने वाले कुलभूषण त्यागी ने पांच सौ नीम के पौधे नदी के किनारे रोपन के लिए कहा है। इसके अलावा भी तमाम लोग नदी को जल्द से जल्द पुनर्जीवित करने के लिए आगे आ रहे हैं। सभी का मानना है कि बरसात की एक-एक बूंद को संजोकर भूजल स्तर को बढ़ाने का काम करना है।

हम सभी को इस बात को समझना होगा कि जल है तो कल है। जब जल ही नहीं रहेगा तो कल कैसे होगा। बिना पानी के तो जीवन ही नहीं है। नदी और तालाबों के जरिए बरसात के पानी को संरक्षित करना होगा तभी हम और हमारी आने वाली पीढ़ी जीवित रह पाएगी।

राजीव त्यागी, पर्यावरण प्रेमी

मुझे खुशी है कि मै नीम नदी को पुनर्जीवित करने की पहल के साथ ही इस कार्य से जुड़ गया था। सभी के प्रयास से अब नदी बरसात में बहने लगेगी। यह केवल गांव दत्तियाना के लिए ही नहीं बल्कि नदी के किनारे से एक किमी से ज्यादा दूरी तक भूजल का स्तर बढ़ेगा और क्षेत्र में खुशहाली आएगी।-कर्मवीर सिंह, पूर्व प्रधान गांव रसूलपुर

यह हम सभी के लिए सौभाग्य की बात है कि नीम नदी का उद्गम स्थल हमारे गांव दत्तियाना में है। पूरा गांव इस बात से हर्षित है कि अब नीम नदी दैनिक जागरण और नीर फाउंडेशन के प्रयास से फिर से कल-कल करके बहेगी।- रजनीश त्यागी, ग्राम प्रधान दत्तियाना

जब किसी सार्वजनिक काम को सच्चे हृदय से करने की ठान लें, तो समाज अपने आप उसे संवारने के लिए आगे आ जाता है। यही आज नीम नदी को लेकर हो रहा है। लोग स्वयं आगे आकर नीम नदी में श्रमदान के साथ अपने निजि खर्चे से खोदाई मशीन से काम करा रहे हैं। बरसात शुरू होने के साथ ही नदी में जल धारा बहाने की तैयारी की जा रही है। इसमें जन सहयोग मिल रहा है। -नदी पुत्र रमनकांत त्यागी

नीम नदी के उद्गम स्थल पर खोदाई का जिम्मा लघु सिंचाई विभाग का है। पर विभाग के पास फंड की समस्या है। इसलिए नदी में खोदाई के लिए सिंचाई विभाग को कहा गया है। एक या दो दिन में ही सरकारी मशीनरी के द्वारा नदी में खोदाई का काम शुरू करा दिया जाएगा। -उदय सिंह, मुख्य विकास अधिकारी, हापुड़

chat bot
आपका साथी