मेरठ के बाद हथियारों की तस्करी का गढ़ बना हापुड़

केशव त्यागी हापुड़ हथियारों की तस्करी हो या शस्त्र फैक्ट्री का संचालन दोनों की मामलों में

By JagranEdited By: Publish:Tue, 03 Nov 2020 07:22 PM (IST) Updated:Tue, 03 Nov 2020 07:22 PM (IST)
मेरठ के बाद हथियारों की तस्करी का गढ़ बना हापुड़
मेरठ के बाद हथियारों की तस्करी का गढ़ बना हापुड़

केशव त्यागी, हापुड़

हथियारों की तस्करी हो या शस्त्र फैक्ट्री का संचालन दोनों की मामलों में जनपद मेरठ दूर-दूर तक मशहूर है, लेकिन इस सूची में अब हापुड़ जनपद का नाम भी जुड़ गया है। भले ही आगामी पंचायती चुनाव में जनपद को दहलाने की साजिश रच रहे हथियार तस्कर भाई-बहन के मंसूबों को पुलिस ने नाकाम कर दिया है, लेकिन जनपद में हथियारों की तस्करी बड़े पैमाने पर हो रही है। ऐसा हम नहीं बल्कि पुलिस विभाग के आंकड़े बोल रहे हैं। पिछले चार माह की अगर बात करें तो पुलिस ने पांच शस्त्र फैक्ट्रियों का पर्दाफाश कर भारी मात्रा में हथियार बरामद किए हैं। सभी मामलों में आरोपित लंबे समय से शस्त्र फैक्ट्री का संचालन कर हथियारों की तस्करी करते आ रहे थे। ऐसे में एक तरफ पुलिस की कार्रवाई पर सवालियां निशान लगने लाजमी है। वहीं दूसरी तरफ हथियारों की तस्करी से कभी भी जनपद में बड़ी घटना हो सकती है।

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पुलिस द्वारा पकड़ी गई शस्त्र फैक्ट्रियां

-29 अगस्त को थाना बाबूगढ़ पुलिस ने गांव मोहम्मदपुर आजमपुर निवासी मोहित व राहुल को गिरफ्तार किया था। दोनों से 18 तमंचे, एक रिवाल्वर, एक पोनिया, एक पिस्टल व 34 कारतूस बरामद हुए थे।

- 7 सितंबर को बहादुरगढ़ पुलिस ने चार आरोपितों को गिरफ्तार कर शस्त्र फैक्ट्री का पर्दाफाश किया था। वहीं 21 तमंचे, 11 पिस्टल, 8 अद्धबने तमंचे, 4 रायफल, एक पोनिया व 50 कारतूस व प्रयुक्त उपकरण बरामद हुए थे। बहादुरगढ़ कस्बा स्थित एक मकान में शस्त्र फैक्ट्री का संचालन हो रहा था। - 29 सितंबर को सिभावली के नया गांव के जंगल में चल रही अवैध शस्त्र फैक्ट्री का पर्दाफाश कर पुलिस ने दो आरोपितों को दबोचा था। फैक्ट्री से 37 तमंचे, दो अधबने तमंचे, 32 लोहे की नाल, 45 कारतूस, ड्रिल मशीन, वेल्डिग मशीन व बनाने में प्रयुक्त अन्य उपकरण बरामद हुए थे।

- 21 अक्टूबर को सिभावली के गांव शरीफपुर के जंगल में चल रही थी शस्त्र फैक्ट्री का पर्दाफाश करते हुए पुलिस ने हथियार तस्कर गिरोह के दो सदस्यों को दबोचा था। फैक्ट्री से 21 तमंचे, 6 अद्धबने तमंचे, 8 कारतूस, गैस सिलेंडर, ड्रिल मशीन, वेल्डिग मशीन, लोहे के पिन व नाल समेत हथियार बनाने में प्रयुक्त उपकरण बरामद हुए थे।

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पांच से छह हजार तक बिक्री होता था असलहा

- एसपी ने बताया कि पूछताछ के दौरान फजरे आलम ने बताया कि वह पांच से छह हजार की कीमत के बीच अराजक तत्वों को असलहा बिक्री करते थे। गाजियाबाद, मेरठ, बुलंदशहर, बागपत, सहारनपुर, अमरोहा सहित आसपास के कई जनपदों में मांग के हिसाब से हथियारों की तस्करी की जाती थी।

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क्या बोले जिम्मेदार

- सरकार के निर्देशों पर अवैध शस्त्र निर्माण व तस्करी में लिप्त आरोपितों की धरपकड़ के लिए पुलिस निरंतर कार्य कर रही है। किसी भी हाल में जनपद में न तो शस्त्र निर्माण फैक्ट्री का संचालन होगा और न ही हथियारों की तस्करी होने दी जाएगी।- एसपी संजीव सुमन

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