बीस सेंटीमीटर कम हुआ गंगा का जलस्तर

संवाद सहयोगी गढ़मुक्तेश्वर गंगा के जलस्तर में गिरावट होने से राहत मिलने के बाद भी जलभराव

By JagranEdited By: Publish:Sat, 23 Oct 2021 06:05 PM (IST) Updated:Sat, 23 Oct 2021 06:05 PM (IST)
बीस सेंटीमीटर कम हुआ गंगा का जलस्तर
बीस सेंटीमीटर कम हुआ गंगा का जलस्तर

संवाद सहयोगी, गढ़मुक्तेश्वर:

गंगा के जलस्तर में गिरावट होने से राहत मिलने के बाद भी जलभराव से चौतरफा दिक्कत झेलनी पड़ रही है, क्योंकि खादर क्षेत्र के ग्रामीणों को मवेशियों के चारे की किल्लत के साथ ही संक्रामक बीमारियों से जूझना पड़ सकता है। हालांकि पिछले 48 घंटे में 38 सेंटीमीटर गंगा का जलस्तर कम हुआ है।

पहाड़ों के साथ ही मैदानी इलाकों में बारिश का सिलसिला धीमा पडने पर बिजनौर बैराज से दो दिनों के भीतर पानी छोड़े जाने में भी गिरावट आई है। पिछले 48 घंटे में गंगा के जलस्तर में करीब 38 सेंटीमीटर की गिरावट आई है, जिससे गंगा का जलस्तर घटकर 198.30 सेंटीमीटर के निशान पर आ गया है। गंगा के उफान से मुक्ति मिलने पर अपने गांव छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर पड़ाव डालने वाले दर्जनों परिवार अपने घरों को वापिस लौट गए हैं, लेकिन अब संक्रामक बीमारियों से ग्रामीण जूझने को विवश हैं। एसडीएम अरविद द्विवेदी का कहना है कि गंगा का उफान थमने से पानी तेजी से साथ घट रहा है। हालांकि बीमारियों की रोकथाम को स्वास्थ्य और पशु चिकित्सा विभाग की टीमों को खादर क्षेत्र के गांवों में भेजा जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने दवाइयां वितरित कीं

डा. दिनेश भारती ने बताया कि टीम ने खादर क्षेत्र के कई गांवों का दौरा कर संक्रामक बीमारियों की गिरफ्त में फंसे सैकड़ों ग्रामीणों का परीक्षण कर उन्हें जरूरी दवा वितरित कीं। इसके अलावा पशु चिकित्सक डा. मदनपाल के नेतृत्व में पशु चिकित्सा विभाग की टीम ने भी कई गांवों का दौरा कर गंगा के जलभराव से फैल रहीं बीमारियों की गिरफ्त में फंसे सैकड़ों मवेशियों की परीक्षण कर जीवन रक्षक दवाओं का वितरण किया। खादर के 20 गांवों की फसलें हुईं चौपट

नयाबांस, आरकपुर, बख्तावरपुर, लठीरा, गड़ावली, रामपुर न्यामतपुर, काकाठेर मंढैया, कुदैनी मंढैया, रामसिंह मंढैया, गढ़ खादर समेत बीस गांवों में गन्ना और धान समेत हरे चारे की लहलहाती फसल बुरी तरह चौपट हो गई हैं। किसान राम सिंह, कुलंवत सिंह, धीरज, अमरपाल का कहना है कि ईख और मौसमी फल-सब्जी की हजारों बीघा खेती बुरी तरह चौपट हो गई है। जलभराव से आवागमन हुआ प्रभावित

गंगा के उफान से मुक्ति मिलने के बाद भी खादर क्षेत्र के लोगों की मुश्किल पूरी तरह दूर नहीं हो पा रही हैं, क्योंकि निचले जंगल से जुड़े करीब आधा दर्जन गांवों के रास्तों में अभी भी पानी भरा हुआ है, जिससे खादर क्षेत्र के हजारों परिवारों का आवागमन पूरी तरह पटरी पर नहीं लौट पाया है।

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