लोन दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश, 24 सदस्य गिरफ्तार

संवाद सहयोगी पिलखुवा फर्जी तरीके से काल सेंटर संचालित कर लोन दिलाने के नाम पर लोगों से

By JagranEdited By: Publish:Wed, 20 Jan 2021 07:06 PM (IST) Updated:Wed, 20 Jan 2021 07:06 PM (IST)
लोन दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश, 24 सदस्य गिरफ्तार
लोन दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश, 24 सदस्य गिरफ्तार

संवाद सहयोगी, पिलखुवा:

फर्जी तरीके से काल सेंटर संचालित कर लोन दिलाने के नाम पर लोगों से रुपये हड़पने वाले गिरोह का कोतवाली पुलिस ने पर्दाफाश किया है। गिरोह के 24 सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि पांच आरोपित फरार हैं। गिरफ्तार आरोपितों में दस महिला- युवती भी शामिल हैं। गिरफ्तार लोग फोन करके ग्राहकों को फंसाते थे और फिर दफ्तर में बुलाकर दस्तावेज पूरे करने के नाम पर हजारों रुपये हड़प लेते थे।

थाना प्रभारी निरीक्षक नरेश कुमार सिंह ने बताया कि 19 जनवरी को मुरादनगर ग्राम पुरपुसी गुप्ता मार्केट निवासी शिवम ने कोतवाली में पहुंचकर रिपोर्ट दर्ज कराई, जिसमें उसने बताया कि उसके मोबाइल फोन पर एक युवती का फोन आया था। युवती ने दो लाख रुपये का लोन दिलाने की बात कहकर उसे पिलखुवा आर्य नगर कालोनी में बुलाया, जहां शानदार दफ्तर बना था। आफिस में कार्यरत लोगों ने दस्तावेज पूरे करने के नाम पर सात रुपये हजार लिए और कुछ दिन बाद लोन नहीं मिलने पर पीड़ित को शक हुआ। रुपये वापस मांगने पर आरोपितों ने फर्जी मुकदमे में फंसाने की धमकी दी।

पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर मामले की जांच शुरू की। कोतवाली पुलिस के अलावा जांच में एसओजी भी शामिल रही। संयुक्त टीम ने आर्य नगर और हापुड़ के जरोठी में स्थित फर्जी तरीके से संचालित काल सेंटर पर दबिश दी। दोनों स्थानों से 24 लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें दस महिला- युवती शामिल हैं। पूछताछ करने पर पता चला कि गिरोह का सरगना गुलावठी निवासी आलोक शर्मा है जो पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया है।

थाना प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि गिरफ्तार लोग युवतियों के माध्यम से फोन कराया करते थे और एक लाख से तीन लाख रुपये तक लोन दिलाने की बात कहकर पीड़ित को फंसाते थे। इसके बाद पीड़ित को पिलखुवा या हापुड़ स्थित आफिस पर बुलाया जाता था। जहां लोन संबंधित दस्तावेज पूरे करने के नाम पर सात हजार से दस हजार रुपये तक लिए जाते थे। रुपये जमा होने के बाद जिस नंबर से फोन किया जाता था, उस फोन नंबर को बंद कर दिया जाता था। गिरफ्तार लोगों को इस कार्य के बदले प्रतिमाह सैलरी मिलती थी। गिरफ्तार आरोपितों को कोतवाली से ही नियमानुसार जमानत पर छोड़ दिया गया है। फरार सरगना सहित पांचों आरोपितों की तलाश की जा रही है।

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