घर-घर फैला बुखार, अस्पताल में बेड की मची मारामार

22 एचपीआर 28 संवाद सहयोगी सिभावली क्षेत्र में वायरल बुखार का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले र

By JagranEdited By: Publish:Fri, 22 Oct 2021 02:29 PM (IST) Updated:Fri, 22 Oct 2021 02:29 PM (IST)
घर-घर फैला बुखार, अस्पताल में बेड की मची मारामार
घर-घर फैला बुखार, अस्पताल में बेड की मची मारामार

22 एचपीआर 28

संवाद सहयोगी, सिभावली

क्षेत्र में वायरल बुखार का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है। घर-घर में लोग वायरल बुखार से तप रहे हैं, नगर से लेकर गांवों तक हर दिन वायरल बुखार के सैकड़ों मरीज सामने आ रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की लगातार प्रयासों के बाद भी मरीजों की संख्या कम नहीं हो रही है। प्राइवेट अस्पताल में एक व्यक्ति में डेंगू की पुष्टि हुई है । वहीं वायरल बुखार से लोग दहशत में है।

सिभावली गांव निवासी विजयपाल सिंह व्यक्ति को सात दिन पूर्व बुखार की शिकायत हुई। शिकायत होने पर उनको स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया। स्थानीय अस्पताल में सेहत में सुधार नहीं होने पर उनको गाजियाबाद के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां प्राइवेट लैब पर कराई गई जांच में उनको डेंगू की पुष्टि हुई, जिसके बाद उनका डेंगू का उपचार चल रहा है। वहीं वायरल बुखार और डेंगू के बढ़ते प्रकोप के बीच लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ है। सरकारी और निजी अस्पतालों की ओपीडी बुखार के मरीजों की भरमार है। घर-घर में लोग बुखार से तप रहे हैं। वायरल बुखार व डायरिया का प्रकोप से सबसे अधिक बच्चे प्रभावित हैं। सुबह होते ही अस्पतालों की ओपीडी में मरीजों की लंबी कतारें लग रही हैं। बुखार की रोकथाम में स्वास्थ्य महकमा फेल हो गया है। तमाम कोशिशों के बाद भी मरीजों की संख्या कम नहीं हो रही है।

क्षेत्र के सरकारी अस्पताल में हर रोज करीब 100 से 125 लोग ओपीडी में इलाज कराने आते हैं जिसमें अधिकांश मरीज वायरल बुखार, टाइफाइड व डेंगू के लक्षण वाले होते हैं। नगर और ग्रामीण प्राइवेट अस्पतालों का भी यही हाल है। बुखार के मरीजों में बच्चों, किशोर, किशोरियों व महिलाओं की संख्या अधिक है। अस्पतालों में मरीजों की बढ़ रही तादात के कारण बेड फुल हो चुके हैं। मरीजों को अस्पतालों की गैलरी में चारपाई पर लेटाकर भर्ती करना पड़ रहा है। क्या कहते है चिकित्सक

साफ सफाई व खान पान का विशेष ध्यान रखा जाए। उबला और साफ पानी पीएं तथा तरल और रेशेदार पदार्थ ज्यादा लें। बुखार होने पर विशेषज्ञ डाक्टर की सलाह पर जांच जरूर कराएं, बिना डाक्टर की सलाह के कोई भी दवा न लें। घर, दफ्तर में फ्रीज की ट्रे, कूलर, गमलों, टायरों, टंकियों और आसपास के गड्ढों में ज्यादा दिन तक एक ही पानी को जमा न होने दें। डा.आनंद मणि, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी, सिखेड़ा

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