मनरेगा का धन खर्च करने में आठ कन्वर्जेंस विभाग पिछड़े

गौरव भारद्वाज हापुड़ मनरेगा के तहत विकास कार्य कराने में जिले के आठ कन्वर्जेंस विभाग पीछ

By JagranEdited By: Publish:Wed, 12 Aug 2020 06:41 PM (IST) Updated:Wed, 12 Aug 2020 06:41 PM (IST)
मनरेगा का धन खर्च करने में आठ कन्वर्जेंस विभाग पिछड़े
मनरेगा का धन खर्च करने में आठ कन्वर्जेंस विभाग पिछड़े

गौरव भारद्वाज, हापुड़

मनरेगा के तहत विकास कार्य कराने में जिले के आठ कन्वर्जेंस विभाग पीछे चल रहे हैं। एक अप्रैल 2020 से 10 अगस्त तक ये विभाग विकास के लिए जारी धनराशि का लगभग चार फीसदी भी खर्च नहीं कर सके हैं। कन्वर्जेंस विभागों (वह विभाग जो विकास कार्यों में श्रम का कार्य मनरेगा से कराते हैं) की हीलाहवाली के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में न तो विकास हो पा रहा है और न ही ग्रामीणों को रोजगार मिल रहा है। जबकि जनपद की ग्राम पंचायतों में पांच हजार से अधिक श्रमिकों को काम मिलने के साथ भुगतान हो चुका है।

कोरोना महामारी के चलते बढ़ती बेरोजगारी और बड़ी संख्या में हुए प्रवासियों के पलायन को रोकने के लिए सरकार ने कई बड़े कदम उठाए थे। इसके लिए विभिन्न सरकारी विभागों को मनरेगा के तहत विकास कार्य कराने के निर्देश दिए थे। इन विभागों से जिलाधिकारी ने मनरेगा से कराए जाने वाले कार्यों और उनमें मानव दिवस का लक्ष्य समेत प्रस्ताव मांगा था। जिन विभागों ने प्रस्ताव तैयार कर भेजा, उन्हें वित्तीय एवं प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गई। इनमें लोक निर्माण विभाग, सिचाई विभाग अनूपशहर खंड, नलकूप खंड गाजियाबाद, उद्यान विभाग, रेशम विभाग, भूमि संरक्षण विभाग, वन विभाग और मेरठ खंड गंगनहर मेरठ शामिल थे। एक अप्रैल से 10 अगस्त तक ये आठ विभाग स्वीकृत बजट का महज चार फीसदी भी खर्च नहीं कर पाए हैं।

इनमें पीडब्ल्यूडी ने 176 कार्यों के लिए 64311 मानव दिवस का लक्ष्य रखा गया। इसके लिए 138.097 लाख रुपये स्वीकृत किए गए। विभाग द्वारा सिर्फ 758 मानव दिवस पर 1.52358 लाख रुपये ही खर्च किए जा सके। इसी तरह वन विभाग ने 21 कार्यों के लिए 22914 मानव दिवस का लक्ष्य रखा गया था। इसके लिए 49.587 लाख रुपये स्वीकृत हुए। जिसमें से महज नौ मानव दिवस पर 1809 रुपये ही खर्च हो पाए हैं।

------

काम कराने में ग्राम पंचायतें आगे

जिले की सभी ग्राम पंचायतों में 13787 मनेरगा जॉब कार्ड धारक हैं, जिनमें से ग्राम पंचायतों से 5949 श्रमिकों ने काम मांगा, जिनमें से 5430 को भुगतान किया जा चुका है। इनमें 1774 महिला श्रमिक भी शामिल हैं। इनसे 119248 मानव दिवस का लक्ष्य रखा गया था। इस दौरान मनरेगा के लिए शासन ने वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए कुल दो करोड़ 95 लाख रुपये का बजट तैयार किया गया था, जिसमें से दो करोड़ 22 लाख रुपये खर्च किए जा चुके हैं। वर्तमान में भी जिले की जिले की 273 ग्राम पंचायतों में से 58 ग्राम पंचायतों में 81 कार्य कराए जा रहे हैं। जिनमें 1078 श्रमिक कार्य कर रहे हैं।

-------

क्या कहते हैं अधिकारी

इन विभागों को कन्वर्जेंस धनराशि का उपयोग करने के निर्देश पहले भी दिए जा चुके हैं। इन विभागों को जल्द ही गांवों में विकास कार्य शुरू करवाने के निर्देश दोबारा जारी किए जा रहे हैं। ताकि मनरेगा श्रमिकों को काम मिल सके।

संजय कुमार, उपायुक्त श्रम रोजगार

--------

एक अप्रैल से 10 अगस्त तक

विभाग का नाम काम स्वीकृत धन दिवस लक्ष्य सृजित दिवस खर्च धन

पीडब्ल्यूडी 176 138.097 64311 758 1.52358

सिचाई खंड अनूपशहर 20 27.525 13234 2235 4.49235

नलकूप खंड गा.बाद 08 4.803 1578 52 0.10452

उद्यान विभाग 08 8.807 3123 196 0.39396

रेशम विभाग 02 4.167 1735 536 1.07736

भूमि संरक्षण 02 4.62 2029 662 1.33062

वन विभाग 21 49.587 22914 09 0.01809

मेरठ खंड गंगनहर 01 0.685 207 00 0000

कुल योग 238 238.291 109131 4448 8.94048

नोट- यह आंकड़े उपायुक्त श्रम रोजगार कार्यालय से लिए गए हैं। स्वीकृत व खर्च धनराशि लाख रुपये में है।

chat bot
आपका साथी