अनुश्रवण समिति की बैठक में डीएम ने दिए निर्देश

जागरण संवाददाता हापुड़ जिलाधिकारी अनुज सिंह व मुख्य विकास अधिकारी उदय सिंह कलक्ट्रेट सभ

By JagranEdited By: Publish:Thu, 21 Oct 2021 06:59 PM (IST) Updated:Thu, 21 Oct 2021 06:59 PM (IST)
अनुश्रवण समिति की बैठक में डीएम ने दिए निर्देश
अनुश्रवण समिति की बैठक में डीएम ने दिए निर्देश

जागरण संवाददाता, हापुड़ :

जिलाधिकारी अनुज सिंह व मुख्य विकास अधिकारी उदय सिंह कलक्ट्रेट सभागार में बेसिक शिक्षा विभाग के जिला टास्क फोर्स की मासिक समीक्षा की। बैठक में बेसिक शिक्षा अधिकारी ने डीएम को बताया कि प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों में शैक्षिक एवं खेलकूद प्रतियोगिताओं का संचालन किया जा रहा है। डीएम ने बेसिक शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया कि प्राथमिक निर्माणाधीन स्कूलों में पुस्तकालय व वाचनालय जरूर बनाए जाने चाहिए। स्कूलों में इंडोर गेम वह आउटडोर गेम भी शिक्षक शिक्षिकाएं आयोजित कराएं। खेलकूद प्रतियोगिता न्याय पंचायत व विकासखंड वार कराएं और जिला स्तर पर भी खेलों का बेहतर प्रदर्शन कराएं। इसके लिए एक कमेटी बना लें, जिसमें एबीएसए को भी संयोजित करें। बैठक में जिला समन्वय में मिशन प्रेरणा के बारे में बताया कि यह प्रदेश सरकार के एक महत्वाकांक्षी योजना है। उत्तम गुणवत्ता युक्त शिक्षा के लिए दीक्षा एप भी बनाया गया है और छोटे बच्चों के लिए स्कूल रेडीनेस कार्यक्रम भी शासन द्वारा चलाया जा रहा है। बैठक में डीएम ने अनुपस्थित पीडब्ल्यूडी के सहायक अभियंता व अधिशासी अभियंता आरइएस तथा एबीएसए हापुड़ के उपस्थित न रहने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की। साथ ही कहा कि एबीएसए हापुड़ को बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रतिकूल प्रविष्टि प्रदान करते हुए प्रशासनिक कार्यवाही करें। बैठक में बीएसए ने बताया कि आपरेशन कायाकल्प कार्यक्रम के अंतर्गत हैं। पेयजल के लिए कुछ स्कूल छूट गए हैं, जिस पर डीएम ने कहा कि दो दिन के अंदर स्कूलों में पेयजल मुहैया कराने के लिए कार्यवाही करें। जिन स्कूलों में बालक शौचालय या बालिका शौचालय नहीं हैं उनमें 100 प्रतिशत कार्य पूर्ण कराएं। जिन स्कूलों में फर्नीचर का अभाव है। वहां जिला पंचायत राज अधिकारी ग्राम पंचायत से पूर्ण करा दें। जिला अधिकारी ने निर्देशित किया कि सभी प्राथमिक स्कूलों में रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम स्थापित कराएं। साथ ही कहा कि जो शिक्षक आफलाइन अवकाश प्रस्तावित कर रहे हैं, एबीएसए उनका अवकाश स्वीकृत न करें। स्वेच्छा से अवकाश न लें। यदि ऐसा करते हैं तो उन शिक्षकों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाए। बैठक में जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद रहे।

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