गाय के गोबर से बने दीये बढ़ाएंगे दीपावली की रौनक

प्रिस शर्मा गढ़मुक्तेश्वर इस बार चाइनीज मुक्त सामान के साथ दीपावली मनाने की तैयारी शुरू हो च

By JagranEdited By: Publish:Thu, 28 Oct 2021 10:04 PM (IST) Updated:Thu, 28 Oct 2021 10:04 PM (IST)
गाय के गोबर से बने दीये बढ़ाएंगे दीपावली की रौनक
गाय के गोबर से बने दीये बढ़ाएंगे दीपावली की रौनक

प्रिस शर्मा, गढ़मुक्तेश्वर

इस बार चाइनीज मुक्त सामान के साथ दीपावली मनाने की तैयारी शुरू हो चुकी हैं। गाय के गोबर से बने दीयों की अद्भुत छटा से दीपावली रंगीन होगी। जिसके लिए गढ़ क्षेत्र के गांव सैदपुरा में गाय के गोबर से दीये तैयार किए जा रहे हैं। इन दीयों को आम जनता को बेचा जाएगा। गाय के गोबर से बने दीये जलाने से प्रदूषण कम होने के साथ ही प्रकृति को शुद्धता भी मिलेगी जबकि, दीये बना रहे लोगों को रोजगार भी हासिल हो रहा है। दीयों से बहुत जल्द गाय के गोबर से देवी-देवताओं की मूर्ति बनाने की तैयारी भी हो रही है।

मां गंगा, गाय और गायत्री सनातन संस्कृति की मुख्य धरोहर मानी जाती हैं। वैश्विक महामारी का रूप ले चुके कोरोना संक्रमण को हराने को लागू हुए लॉकडाउन के दौरान लोगों को प्रकृति का महत्व भी समझ में आया। शारीरिक क्षमता बढ़ाने को घर-घर में योग किया गया। सीमा पर तनाव के चलते लोगों में चीन के प्रति गुस्सा काफी बढ़ गया है, जिसको लेकर चाइनीज सामान का बहिष्कार करते हुए स्वदेशी सामान को तेजी से बढ़ावा मिल रहा है। दीपावली पर रंग -बिरंगी झालर, कैंडिल और इलेक्ट्रिक दीपों समेत चाइनीज सामान की बड़े स्तर पर खपत होती थी, परंतु चीन के प्रति गुस्सा बढ़ने से इस बार की स्वदेशी सामान की खूब धूम रहेगी। दीपावली पर गाय के गोबर से बने दीये जलवाने की सोच को गढ़ क्षेत्र के गांव सैदपुरा के किसान अमरजीत तोमर और नितिश तोमर ने अपना अहम लक्ष्य बनाया हुआ है, जो गांव में गाय के गोबर से दीये तैयार कराने में जुटे हुए हैं। जिनका दावा है कि दीपावली के मद्देनजर दीये बनवाने के साथ ही देवी देवताओं की मूर्तियां बनवाने की तैयारी भी चल रही है।

--- दिल्ली समेत महानगरों से मिल रहा है दीयों का ऑर्डर -

दीये बनाने वाले अमरजीत तोमर ने बताया कि दीये बनाने का कार्य हाल ही में शुरू किया गया है। इस संबंध में कामधेनु आयोग की वेबसाइट पर उनका नाम और मोबाइल नंबर दर्ज होने से दिल्ली, गाजियाबाद, नोएडा, गुरुग्राम, फरीदाबाद समेत अन्य शहर कस्बों से भी दीयो के ऑर्डर मिलने शुरू हो गए हैं। ऑर्डर पूरा कराने को लेकर अब आसपास के गांवों में भी महिलाओं से संपर्क साधकर उन्हें रोजगार मुहैया कराने की तैयारी की जा रही है।

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धार्मिक के साथ वैज्ञानिक महत्व भी है

पंडित विनोद शास्त्री का कहना है कि धर्मशास्त्रों में गाय के गोबर को बहुत पवित्र माना गया है। गो मये वसते लक्ष्मी अर्थात गाय के गोबर में लक्ष्मी जी का वास होने का स्पष्ट उल्लेख किया हुआ है। गाय के गोबर से सकारात्मक ऊर्जा में वृद्धि होने के साथ ही मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा करके उन्हें सिद्ध किया जाता है। गाय के गोबर में लक्ष्मी के वास से यह स्वत: सिद्ध होता है।

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