दीपावली पर पटाखे नहीं फोड़ने का आग्रह

दीपावली का त्यौहार छह दिन के बाद मनाया जाएगा। मिठाई और दीपों के इस इस त्यौहार को लेकर लोगों के द्वारा विभिन्न प्रकार की तैयारी की जा रही है, लेकिन इस त्यौहार पर आतिशबाजी होने के कारण आसपास का वायू प्रदूषण दूषित हो जाता है। इसलिए इस त्यौहार को एक नए तरीके से मनाने के लिए अलग-अलग रूप देने के लिए महिलाओं में एक उमंग से पैदा हो रही। राजकुमार गोयल डिग्री कॉलेज की प्राचार्य कुसुम त्यागी का कहना है दिवाली का पर्व दीपों के नाम से जाना जाता है। भगवान राम के घर वापस आगमन पर यह पर्व मनाया गया था। हम सब

By JagranEdited By: Publish:Thu, 01 Nov 2018 03:06 PM (IST) Updated:Thu, 01 Nov 2018 03:06 PM (IST)
दीपावली पर पटाखे नहीं फोड़ने का आग्रह
दीपावली पर पटाखे नहीं फोड़ने का आग्रह

संवाद सहयोगी, गढ़मुक्तेश्वर : दीपावली का पर्व छह दिन के बाद मनाया जाएगा। क्षेत्र के गणमान्य लोगों ने स्थानीय नागरिकों से दीपावली के पावन पर्व पर पटाखे फोड़ कर वातावरण को प्रदूषित नहीं करने का आग्रह किया है। राजकुमार गोयल डिग्री कॉलेज की प्राचार्य कुसुम त्यागी का कहना है दिवाली को दीपों का पर्व कहा जाता है। वनवास समाप्त होने के बाद भगवान राम के घर वापस आने की याद में यह पर्व मनाया जाता है। हम सब भी मिलकर इस पर्व पर खुशी के दीपक जलाएं और अन्य लोगों को प्रेरित करें। बक्सर ग्राम की प्रधान राखी गौड़ का कहना है कि भले ही न्यायालय ने दिवाली पर दो घंटे तक पटाखे फोड़ने की अनुमति दे दी है, लेकिन हमें वातावरण हो प्रदूषित होने से बचाने के लिए पटाखों से दूर ही रहना चाहिए। पटाखों से होने वाले प्रदूषण से हम स्वयं भी बीमार होते हैं। महेन्द्र ¨सह डिग्री कॉलेज की ट्रस्टी रेणुका ¨सह का कहना है कि पटाखे से होने वाले प्रदूषण से लोगों को काफी परेशानी होती है। चारों ओर धुआं होने के कारण कई लोगों को तो सांस लेने में भी परेशानी होने लगती है। इसके कारण कई बार तो लोगों के बीच संघर्ष भी हो जाता है। इसलिए सभी लोगों को इस गंभीर समस्या के प्रति जागरूक होना चाहिए और पटाखों से दूरी बना कर रखनी चाहिए।

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