कटआउट 2: खांसी-जुकाम, बुखार के मरीज तलाशने घर-घर पहुंच रही टीमें
आपके घर में कोई बुजुर्ग या बच्चा तो नहीं है। अच्छा अगर है तो उनमें से किसी को सर्दी जुकाम बुखार तो नहीं है। ऐसे ही कुछ सवालों से जनपद में शहर और ग्रामीण इलाकों में बको दो चार होना पड़ रहा है। कोरोना का कहर जनपद में बढ़ता जा रहा है। लगातार मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी होती जा रही है। इससे बचने के लिए सरकार ने रणनीति बनाई है। जिसमें कोरोना संदिग्ध के मिलने पर उसकी तत्काल आइसोलेट किया जा सके।
जागरण संवाददाता, हापुड़
आपके घर में कोई बुजुर्ग या बच्चा तो नहीं है। अगर है तो उनमें से किसी को सर्दी जुकाम बुखार तो नहीं है। ऐसे ही कुछ सवालों से जनपद में शहर और ग्रामीण इलाकों में को दो चार होना पड़ रहा है। कोरोना का कहर जनपद में बढ़ता जा रहा है। लगातार मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी होती जा रही है। इससे बचने के लिए सरकार ने रणनीति बनाई है, जिसमें कोरोना संदिग्ध के मिलने पर उसको तत्काल आइसोलेट किया जा सके।
डिप्टी सीएमओ डॉ. प्रवीण शर्मा ने बताया कि जनपद में करीब 14 लाख की आबादी में कोरोना संदिग्ध की तलाश शुरू हो गई है। इसके लिए शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में जनसंख्या के आधार पर टीमों को लगाया गया है। टीम की ओर से सर्वे कर सारा डाटा जुटाया जा रहा है। इसमें सर्दी, खांसी और जुकाम वाले मरीजों से जानकारी लेकर उनसे पूरी हिस्ट्री भी खंगाली जा रही है। संचारी रोग नियंत्रण अभियान में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और आशा को सर्वे के लिए लगाया हुआ है। ये लोग घर-घर जाकर पूरी रिपोर्ट बनाकर संबंधित अधिकारियों को सौंप रहे हैं।
उन्होंने बताया कि डायबिटीज के रोगियों और उच्च रक्त चाप से पीड़ित मरीजों का डाटा विशेष रूप से जुटाया जा रहा है। पचास साल से ऊपर के डायबिटीज और हृदय रोग से ग्रसित मरीज और दस वर्ष से कम के बच्चों में भी खतरा अधिक है। ऐसे में इन लोगों का डाटा तैयार करना बहुत आवश्यक है। साथ ही यदि ये लोग सर्दी, जुकाम और बुखार से पीड़ित हैं तो तत्काल सूचना देकर ऐसे लोगों की जांच कराई जाएगी।