कटआउट : माता-पिता के भरण पोषण से इंकार करना पड़ेगा महंगा, होगी कार्रवाई
01एचपीआर-01 जागरण संवाददाता हापुड़ अब माता-पिता व वरिष्ठ नागरिकों का भरण पोषण करने
01एचपीआर-01 जागरण संवाददाता, हापुड़
अब माता-पिता व वरिष्ठ नागरिकों का भरण पोषण करने से इन्कार किया तो कठघरे में खड़े होकर जवाब देना होगा। माता-पिता व वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण व कल्याण अधिनियम 2007 की नियमावली बनाकर 2014 में लागू की गई थी, लेकिन जिला स्तर पर भरण-पोषण अधिकरण की स्थापना नहीं की गई थी। एसडीएम की अध्यक्षता में सुलह अधिकरण बनाया गया है। जिले की तीनों तहसीलों में सुलह अधिकरण बनाया जाना है, जिसके क्रम में हापुड़ तहसील में सुलह अधिकारी नियुक्त कर दिए हैं। समाज कल्याण अधिकारी व एसडीएम सुलह अधिकारी की देखरेख में काम करेंगे। माता-पिता या जिनके संतान नहीं है, उनको मूलभूत सुविधाओं से वंचित नहीं किया जा सकता। पीड़ित माता-पिता तहसीलों में गठित सुलह अधिकरणों से शिकायत कर सकते हैं। सुलह अधिकरण अपने स्तर पर दोनों पक्षों से वार्ता करके भरण-पोषण पर सहमति कराएगा, लेकिन यहां सुलह नहीं होने पर एक प्रारूप पर माता-पिता व वरिष्ठ नागरिकों की शिकायत भरकर एसडीएम को भेजेंगे। एसडीएम को भरण पोषण का भत्ता निर्धारित करने का अधिकार होगा। माता-पिता का भरण पोषण करने से इन्कार पर दस हजार जुर्माना लगेगा। अगर माता-पिता इस सुलह से सहमत नहीं हैं तो वह डीएम से अपील कर सकते हैं। जब तक भरण पोषण पर सहमति नहीं बनती है तो समाज कल्याण अधिकारी माता-पिता व वरिष्ठ नागरिकों को वृद्धा आश्रम में भेजकर उनकी देखरेख की जाएगी। संतान को उसकी हैसियत के अनुसार जो माता-पिता या वरिष्ठ नागरिक का भरण पोषण के तहत सहमति बनती है, उसका पालन करना ही होगा। सुलह अधिकारी तीन साल में बदल दिए जाएंगे। जिला समाज कल्याण अधिकारी राजेश चौधरी ने बताया कि तहसील स्तर पर हापुड़ में सुलह अधिकरण बनाया गया है, जिसमें सुलह अधिकारी उमाशंकर तिवारी को बनाया गया है, जिनका मोबाइल नंबर 8851827029 है। गढ़ और धौलाना तहसील स्तर पर उपजिलाधिकारियों द्वारा प्रस्ताव का इंतजार है। जल्द ही शेष दोनों तहसीलों में सुलह अधिकरण बनाया गया है।