आस्था और भक्ति पर कोरोना बेअसर, घरों में गूंज रहे भोले के उद्घोष

कोरोना संकट काल में लोगों की जिदगी में लगातार परिवर्तन हो रहा है। शिक्षा जगत ऑनलाइन हो चुका है। बाजारों के खुलने और बंद होने के समय निर्धारित है। इसी क्रम में कोरोना भगवान के प्रति आस्था और भक्ति के सामने भी बेअसर हुआ है। श्रावण मास में होने वाली कांवड़ यात्रा पर पाबंदी है। कंटेनमेंट जोन में शामिल शिवालय बंद हैं। लेकिन श्रद्धालुओं में भोले की भक्ति बरकरार है और घरों में रहकर बम-बम भोले कर रहे हैं। वहीं कंटेनमेंट जोन से बाहर मंदिरों में हाथों को सैनिटाइज कराने के बाद

By JagranEdited By: Publish:Mon, 13 Jul 2020 09:07 PM (IST) Updated:Tue, 14 Jul 2020 06:05 AM (IST)
आस्था और भक्ति पर कोरोना बेअसर, घरों में गूंज रहे भोले के उद्घोष
आस्था और भक्ति पर कोरोना बेअसर, घरों में गूंज रहे भोले के उद्घोष

जागरण संवाददाता, हापुड़: कोरोना भगवान के प्रति आस्था और भक्ति के सामने भी बेअसर हुआ है। कंटेनमेंट जोन में शामिल शिवालय बंद हैं, लेकिन श्रद्धालुओं में भोले की भक्ति बरकरार है और घरों में रहकर बम-बम भोले कर रहे हैं। वहीं कंटेनमेंट जोन से बाहर मंदिरों में हाथों को सैनिटाइज कराने के बाद ही श्रद्धालुओं को प्रवेश दिया जा रहा हैं।

कोरोना संकट काल में कांवड़ यात्रा पर पाबंदी है। जनपद के अधिकांश शिवालय कंटेनमेंट जोन में होने के चलते बंद हैं। ऐसे में शिव भक्त घरों से ही भोले की अराधना कर रहे हैं। सावन के दूसरे सोमवार को भी ऐसा ही नजारा देखने को मिला। भक्तों ने घर में रहकर भगवान शिव की पूजा अर्चना की और बम-बम भोले के उद्घोष के साथ जमकर झूमें।

इसके अतिरिक्त कंटेनमेंट जोन से बाहर शिवालयों में भक्त पूजा अर्चना करने पहुंचे। ग्राम छपकौली स्थित प्राचीन शिव मंदिर में भगवान आशुतोष का भव्य श्रंगार किया गया। मास्क लगाकर ही श्रद्धालुओं को प्रवेश करने दिया। गोल घेरे बनवाए गए और शारीरिक दूरी के मानकों का पालन कराया गया। ग्राम सबली स्थित प्राचीन शिव मंदिर में मंदिर परिसर को सैनिटाइज कराया गया और शारीरिक दूरी का पालन कराते हुए जलाभिषेक कराया गया।

पिलखुवा में ग्राम दहपा स्थित महादेव मंदिर पर सोमवार सुबह से ही भक्तों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया। मंदिर समिति की ओर से भक्तों के बीच शारीरिक दूरी का पालन कराया गया। शिवालय में एक-एक करके भक्त को प्रवेश दिया गया। इससे पूर्व भक्तों के हाथों को सैनिटाइज किया गया। मंदिर के पुजारी इंद्रनाथ ने बताया कि पिछले वर्षों के मुकाबले इस बार श्रद्धालुओं की संख्या काफी कम है।

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