बुखार से लगातार हो रहीं मौत, स्वास्थ्य विभाग मौन

मुकुल मिश्रा हापुड़ जनपद की पिछले एक सप्ताह से स्थिति ऐसी है कि शायद ही कोई दिन ऐसा गय

By JagranEdited By: Publish:Wed, 20 Oct 2021 07:18 PM (IST) Updated:Wed, 20 Oct 2021 07:18 PM (IST)
बुखार से लगातार हो रहीं मौत, स्वास्थ्य विभाग मौन
बुखार से लगातार हो रहीं मौत, स्वास्थ्य विभाग मौन

मुकुल मिश्रा, हापुड़

जनपद की पिछले एक सप्ताह से स्थिति ऐसी है कि शायद ही कोई दिन ऐसा गया है जिस दिन मरीजों की बुखार से मौत न हुई हो। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार अब तक केवल एक ही डेंगू से मौत हुई है। लगातार मौतें होने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग आंख मूंदे हुए हैं। अस्पतालों के हालातों पर नजर डाली जाए तो इन दिनों बुखार के मरीजों से बेड फुल पड़े हैं। अस्पतालों के बाहर और बरामदों तक में मरीजों का उपचार किया जा रहा है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों द्वारा कोई भी जरूरी कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। हालांकि अधिकारी दावा कर रहे हैं कि वह बुखार का प्रकोप करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं, लेकिन उनके प्रयास धरातल पर नजर नहीं आ रहे हैं। जनपद में हो चुकी हैं सैकड़ों मौतें

जनपद का कोई भी क्षेत्र ऐसा नहीं बचा है जहां बुखार कहर न बरपा रहा हो। बुखार से जनपद में अब तक सैकड़ों मौतें हो चुकी हैं। लेकिन, यह आंकड़ें स्वास्थ्य विभाग की सूची में शामिल नहीं किए गए हैं। क्योंकि, स्वास्थ्य विभाग की सूची में नाम शामिल कराने के लिए सरकारी लैब में मरीज के रक्त के नमूने की जांच होनी जरूरी है, लेकिन इनमें से अधिकांश मरीजों में निजी चिकित्सकों ने डेंगू की पुष्टि की है। जगह-जगह पसरी है गंदगी

जनपद के अधिकांश मोहल्ले और गांवों में साफ-सफाई पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। हापुड़ में फ्रीगंज रोड, सिकंदर गेट, कोटला मेवातियान, लज्जापुरी, पिलखुवा में न्यू सर्वोदय नगर, गांधी रोड, मोहल्ला गढ़ी सहित कई स्थानों पर गंदगी का अंबार रहता है। नालों की सफाई भी काफी दिनों से नहीं हुई है। जबकि सड़क किनारे जलभराव तो पुरानी समस्या है, लेकिन इन क्षेत्रों से पालिका अधिकारी अंजान बने रहते हैं। अस्पताल भी नहीं गंदगी से अछूते

जनपद के सरकारी और निजी अस्पतालों की दुर्दशा बेहद चिताजनक है। यहां सफाई व्यवस्था बदहाल है। वार्ड में घुसते ही बदबू आती है। जबकि पानी की टंकियों के आसपास मच्छर का अंबार लगा हुआ है। गंदगी से निपटने का दावा करने वाले अधिकारी सफाई कर्मियों की कमी को जिम्मेदार ठहराते हैं। अस्पतालों के बेड हो चुके हैं फुल

जनपद में बुखार का प्रकोप इतना बढ़ गया है कि निजी से लेकर सरकारी अस्पतालों के बेड मरीजों से फुल हो चुके हैं। निजी अस्पतालों की हालत तो यहां तक आ चुकी है कि बरामदों में भी अस्थायी बेड लगे हुए हैं। अस्पतालों के एक बेड पर दो मरीज लेटे हुए हैं। इसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी यह मान रहे हैं कि बुखार का प्रकोप कम हो रहा है। डेंगू बताया तो होगी कार्रवाई

निजी अस्पताल में चिकित्सक द्वारा किसी मरीज को डेंगू होता भी है तो उसकी पुष्टि नहीं करते हैं, लेकिन उपचार डेंगू का ही कर रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने निजी पैथोलाजी लैब संचालकों को निर्देश दिए हुए हैं कि कोई डेंगू की पुष्टि नहीं कर सकते हैं। ऐसे में मरीज बेहाल होकर मर्ज पूछते हैं तो उन्हें मात्र बुखार या वायरल बताया जा रहा है। डेंगू को लेकर सतर्कता का दावा

मौसम में परिवर्तन के साथ बुखार आता है। अस्पतालों में बुखार से निपटने के लिए सभी दवाइयां मौजूद हैं। निजी चिकित्सकों को निर्देश दिए हुए हैं कि कोई डेंगू का मरीज आता है तो उसकी सूचना तत्काल स्वास्थ्य विभाग को दी जाए, जिससे उनका सरकारी लैब में खून की जांच कराकर उपचार कराया जा सके। - डा. रेखा शर्मा, मुख्य चिकित्सा अधिकारी

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