टेक्सटाइल सिटी पिलखुवा में बंद हुआ सीईटीपी, 80 फैक्ट्रियां बंद, 20 हजार परिवारों के सामने रोजी रोटी का संकट

टेक्सटाइल सिटी पिलखुवा में स्थापित एकीकृत जलशोधन संयंत्र (सीईटीपी) को अचानक बंद किए जाने से 80 फैक्टियों पर ताले पड़ गए हैं। इससे करोड़ों का कारोबार प्रभावित हुआ है। उद्यमियों ने इसके लिए हापुड़-पिलखुवा विकास प्राधिकरण (एचपीडीए) के अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया है।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Publish:Fri, 02 Apr 2021 04:53 PM (IST) Updated:Fri, 02 Apr 2021 04:54 PM (IST)
टेक्सटाइल सिटी पिलखुवा में बंद हुआ सीईटीपी, 80 फैक्ट्रियां बंद, 20 हजार परिवारों के सामने रोजी रोटी का संकट
सीईटीपी को अचानक बंद किए जाने से 80 फैक्टियों पर ताले पड़ गए हैं।

जागरण संवाददाता, पिलखुवा। टेक्सटाइल सिटी पिलखुवा में स्थापित एकीकृत जलशोधन संयंत्र (सीईटीपी) को अचानक बंद किए जाने से 80 फैक्टियों पर ताले पड़ गए हैं। इससे करोड़ों का कारोबार प्रभावित हुआ है। उद्यमियों ने इसके लिए हापुड़-पिलखुवा विकास प्राधिकरण (एचपीडीए) के अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया है।

उद्यमियों का कहना है कि जब तक सीईटीपी का संचालन शुरू नहीं होगा, तब तक फैक्टियों को शुरू कर पाना असंभव है। वहीं, इन फैक्टियों में काम करने वाले करीब 20 हजार परिवारों के सामने भी रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है।

आम दिनों की तरह गुरुवार को फैक्टियों में मशीनों का संचालन शुरू ही हुआ था, तभी सुबह करीब 11 बजे एचपीडीए, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और प्रशासन के अधिकारियों की संयुक्त टीम टेक्सटाइल सिटी पहुंची। अधिकारियों ने राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के महानिदेशक राजीव रंजन मिश्र के पत्र का हवाला देकर इकाइयां बंद करवा दीं।

इसके पीछे तर्क दिया गया कि पिलखुवा में संचालित सीईटीपी को बंद कर दिया गया है, जिस वजह से फैक्टियों से निकलने वाले दूषित जल का अब शोधन नहीं हो सकेगा। यह दूषित जल बगैर शोधन के गंगा में न मिलने पाए, इसके लिए फैक्टयां बंद करने का फैसला लिया गया है। आरोप है कि इस दौरान उद्यमियों को उनका पक्ष रखने तक का मौका नहीं दिया गया और कुछ ही घंटों में फैक्टियों को बंद करा दिया गया।

घबराए उद्यमियों ने हथकरघा विभाग के अपर मुख्य सचिव रमारमण को लखनऊ फोन कर गलत तरीके से हुई इस पूरी कार्रवाई की जानकारी दी। साथ ही सीईटीपी का संचालन शुरू कराने की मांग की। मामला लखनऊ में गूंजने के बाद मंडलायुक्त सुरेंद्र सिंह ने इसका संज्ञान लिया। उन्होंने पूरे मामले की जानकारी प्राधिकरण की उपाध्यक्ष अर्चना वर्मा से ली। साथ ही राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के महानिदेशक राजीव रंजन मिश्र के निर्देशों का पालन करने के निर्देश दिए।

बता दें कि वर्ष 2000 में हापुड़-पिलखुवा विकास प्राधिकरण ने ग्राम डूहरी के निकट टेक्सटाइल सेंटर की स्थापना की थी। इस दौरान फैक्टियों से निकलने वाले दूषित पानी को शुद्ध करने के लिए जलशोधन संयंत्र स्थापित किया गया था, जिसे अब बंद कर दिया गया है। मामले में एचपीडीए की उपाध्यक्ष अर्चना वर्मा का कहना है कि राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के महानिदेशक राजीव रंजन मिश्र के आदेशानुसार बृहस्पतिवार से सीईटीपी का संचालन आगामी आदेश तक बंद कर दिया गया है।

क्या होता है सीइटीपी

सीइटीपी घोषित औद्योगिक क्षेत्र में एक प्लांट होता है। सभी यूनिटों से निकलने वाले केमिकलयुक्त पानी को यहां पहुंचाया जाता है, फिर उसे यहां ट्रीट किया जाता है उसके बाद उसे नाली में बहाया जाता है। इससे नदी में पानी में मिलने वाले प्रदूषण की मात्रा में कमी होती है।

आरएस चौहान, अध्यक्ष (पिलखुवा टेक्सटाइल सेंटर व्यापारी एसोसिएशन) राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) की टीम ने 21 सितंबर, 2020 और राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के दल ने 16 दिसंबर, 2020 को सीईटीपी का निरीक्षण किया था। इस दौरान प्लांट में 15 कमियां निकाली गईं थीं, जिनमें से 14 कमियों का निराकरण एचपीडीए को कराना था, लेकिन एचपीडीए ने इसकी अनदेखी की। इसका खामियाजा उद्यमियों और श्रमिकों को ङोलना पड़ रहा है। इस संबंध में राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के महानिदेशक को पत्र लिखा गया है।

अर्चना वर्मा, उपाध्यक्ष (एचपीडीए) का कहना है कि भारत सरकार के स्वच्छ गंगा मिशन के महानिदेशक के आदेश पर सीईटीपी को बंद कर दिया है। पूर्व में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने आदेश जारी कर कहा था कि सीईटीपी को उद्यमियों का समूह ही संचालित करेगा, लेकिन ऐसा हो नहीं सका।

सीईटीपी को अपग्रेड करने में काफी खर्च आएगा। इस समस्या का हल यही है कि उद्यमी ही इसे संचालित करें। अगर उद्यमी ऐसा करते हैं तो नमामि गंगे प्रोजेक्ट के अंतर्गत लगभग 30 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता दिए जाने का भी प्राविधान है।

रमारमण, अपर मुख्य सचिव (हथकरघा विभाग) का कहना है कि प्राधिकरण की उपाध्यक्ष से प्रकरण के संबंध में रिपोर्ट मांगी जाएगी। जल्द समस्या का निस्तारण कराकर उद्योगों का नियमानुसार संचालन शुरू कराया जाएगा।

सुरेंद्र सिंह, मंडलायुक्त (मेरठ) का कहना है कि सीईटीपी के संचालन के संबंध में भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार ने जो व्यवस्थाएं की हैं, उनका अनुपालन सभी पक्षों को करना होगा।

बढ़ी परेशानी

- गुरुवार को बिना किसी नोटिस के एचपीडीए ने बंद किया प्लांट का संचालन

- लखनऊ तक गूंजा मामला, राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के आदेश पर हुई कार्रवाई

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