तीन घंटे चली बैठक में चारदीवारी पर बनी सहमति, प्लांट का विरोध जारी

संवाद सहयोगी पिलखुवा गाजियाबाद नगर निगम द्वारा हापुड़ जनपद के ग्राम गालंद में वेस्ट टू एनर्जी

By JagranEdited By: Publish:Tue, 19 Oct 2021 06:35 PM (IST) Updated:Tue, 19 Oct 2021 06:35 PM (IST)
तीन घंटे चली बैठक में चारदीवारी पर बनी सहमति, प्लांट का विरोध जारी
तीन घंटे चली बैठक में चारदीवारी पर बनी सहमति, प्लांट का विरोध जारी

संवाद सहयोगी, पिलखुवा:

गाजियाबाद नगर निगम द्वारा हापुड़ जनपद के ग्राम गालंद में वेस्ट टू एनर्जी प्लांट बनाने को लेकर गाजियाबाद और हापुड़ जनपद के जिलाधिकारी ने प्लांट का विरोध कर रहे ग्रामीणों के साथ बैठक की। लगभग तीन घंटे तक चली बैठक में निगम के नगरायुक्त द्वारा प्लांट के संबंध में बारीकी से जानकारी दी गई, लेकिन फिलहाल ग्रामीणों के साथ सहमति नहीं बन सकी है। केवल चिह्नित जमीन की निगम द्वारा चारदीवारी कराई जा सकती है।

ग्राम गालंद में गाजियाबाद निगम निगम द्वारा अधिग्रहित 44.25 एकड़ भूमि में वेस्ट टू एनर्जी प्लांट स्थापित कराने की योजना है। प्लांट के विरोध में तीन अक्टूबर से ग्रामीण मसूरी गंगनहर पटरी पर धरना दिए हुए हैं। धरनारत ग्रामीणों का कहना है कि निगम चिह्नित जमीन पर प्लांट नहीं बल्कि गाजीपुर की तरह डंपिग ग्राउंड बनाने की फिराक में है। ग्रामीणों के संशय को दूर करने के लिए मंगलवार को नगर पालिका परिषद कार्यालय में बैठक हुई, जिसमें जनपद गाजियाबाद के जिलाधिकारी राकेश कुमार, हापुड़ जिलाधिकारी अनुज सिंह, निगम के नगरायुक्त महेंद्र सिंह तंवर, पुलिस अधीक्षक हापुड़ दीपक भूकर, अपर पुलिस अधीक्षक सर्वेश कुमार मिश्रा, अपर नगरायुक्त गाजियाबाद राजनारायण पांडे, उपजिलाधिकारी धौलाना विजय वर्धन तोमर, पुलिस क्षेत्राधिकारी डा. तेजवीर सिंह एवं धरनारत ग्रामीण मौजूद रहे।

बैठक में वायु प्रदूषण को लेकर ग्रामीणों ने समस्या रखी। ग्रामीणों का कहना है कि गाजियाबाद जनपद में प्लांट क्यों नहीं लगाया जा रहा है। दोपहर तीन बजे शुरू हुई बैठक शाम छह बजे समाप्त हुई। बैठक में नगरायुक्त गाजियाबाद निगम महेंद्र सिंह तंवर ने ग्रामीणों को प्रस्तावित वेस्ट टू एनर्जी प्लांट से संबंध में जानकारी दी और बताया कि इससे प्रदूषण नहीं फैला। नई टेक्नोलाजी के जरिए कूड़े की प्रोससिग की जाएगी। इसके अतिरिक्त प्रतिघंटा 50 से 60 मेगावाट प्रतिघंटा बिजली मिलेगी। आसपास के युवाओं को रोजगार मिलेगा। नगरायुक्त ने बताया कि बड़े प्लांट के लिए जिस कंपनी से अनुबंध हुआ है उसे पूरा होने पर लगभग एक साल लगेगा। फिलहाल निगम को कूड़ा प्रोससिग के लिए चिह्नित जमीन में से पांच एकड़ जमीन चाहिए, जिसपर कार्य शुरू हो सके। जिलाधिकारी गाजियाबाद राकेश सिंह ने ग्रामीणों को समझाते हुए बताया कि प्लांट लगने से क्षेत्र का विकास होगा।

तीन घंटे तक चली बैठक में ग्रामीणों के साथ प्लांट को लेकर सहमति नहीं बन सकी है। बैठक में मौजूद ग्रामीणों ने कहा कि प्लांट के लिए वह गांव में जाकर ग्रामीणों से बातचीत करेंगे और उसके बाद ही निर्णय बता सकते हैं। हालांकि जमीन नगर निगम की है और यदि निगम उसकी चारदीवारी करना चाहता है तो ग्रामीणों को उसमें कोई आपत्ति नहीं है। जिलाधिकारी हापुड़ अनुज सिंह ने बैठक में स्पष्ट कर दिया है कि गांव के विकास के लिए प्लांट को लेकर कार्य शीघ्र शुरू किया जाएगा। इसके लिए धरनारत लोग गांव में बैठक कर ग्रामीणों से आम सहमति बनाने का प्रयास करेंगे। विधायक असलम चौधरी का कहना है कि जमीन नगर निगम की है। वह उसपर चार दीवारी कर सकते हैं, लेकिन प्लांट किसी भी कीमत पर नहीं लगने दिया जाएगा।

इस मौके पर ग्राम गालंद के प्रधान संजय कोरी, ब्रह्मसिंह राणा, बृजमोहन सिंह तोमर, राजू, दीपक, योगेश, मनोज, आशु, हेम आदि ग्रामीण मौजूद रहे।

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